आरतिया ने नई नीति में खुदरा व्यापारियों को टैक्स में छूट समेत कई सुझाव दिए

आरतिया ने नई नीति में खुदरा व्यापारियों को टैक्स में छूट समेत कई सुझाव दिए
जयपुर| केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के तहत कार्यरत उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग को राष्ट्रीय खुदरा नीति को भेजे सुझाव में अखिल राज्य ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आरतिया) ने खुदरा व्यापारियों की बिगड़ती हालत पर चिंता व्यक्त की। साथ ही सरकार से इस दिशा में कदम उठाने की बात कही। आरतिया के मुताबिक ई-कॉमर्स कंपनियों और बड़े उद्योग घरानों की रिटेल चेन से देश में दो लाख खुदरा दुकानें बंद हो चुकी हैं। रोज 1000 से अधिक खुदरा व्यापारी अपनी दुकान बंद कर रहे हैं। आरतिया की बैठक में संगठन के अध्यक्ष विष्णु भूत ने बताया कि देश में इस समय सवा करोड़ से अधिक खुदरा दुकानें हैं। इनमें 80% से अधिक ऐसी हैं, जहां तीन पीढ़ियां एक साथ काम संभालती हैं। वहीं, ऑनलाइन क्विक कॉमर्स से उपभोक्ता स्थानीय खुदरा दुकानों से दूरी बना रहे हैं। जबकि एक छोटा दुकानदार 30-50 लोगों का पेट पालता है। इसके मद्देनजर सरकार को खुदरा दुकानों के हितों की रक्षा के लिए टैक्स में छूट जैसे कदम उठाने चाहिए। साथ ही अनुचित व्यापार व्यवहार आयोग के नियमों को रिटेल ट्रेड में भी लागू तथा व्यापारियों के सहकारी फॉर्मेट को बढ़ावा दिया जाए। बैठक में आरतिया के कार्यकारी अध्यक्ष प्रेम बियाणी के साथ अन्य पदाधिकारी कमल कंदोई और आशीष सर्राफ भी मौजूद रहे।