4 साल में 13 कॉलेज खुले:12 की बिल्डिंग बनी, 9 अपनी बिल्डिंग में शिफ्ट हो गए, मुरलीधर कन्या कॉलेज को जमीन तक नहीं मिली

छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा मुहैया करने के लिए राज्य सरकार ने तीन - चार साल पहले शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में नए सरकारी कॉलेज खोले। सोसाइटी एक्ट के तहत बीकानेर जिले में 13 राजसेस कॉलेज खोले गए। इन कॉलेज की बिल्डिंग निर्माण के लिए राज्य सरकार ने दो साल पहले प्रत्येक कॉलेज को 4.50 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया। जिले के 13 कॉलेजों में से 12 की बिल्डिंग बनकर तैयार हो चुकी है। वहीं 9 कॉलेज नए भवन में शिफ्ट भी हो चुके हैं। लेकिन बीकानेर शहरी क्षेत्र के मुरलीधर व्यास नगर स्थित सरकारी गर्ल्स कॉलेज को दो साल बाद भी भूमि का आवंटन नहीं हुआ है। हालत यह है कि राज्य सरकार की ओर से स्वीकृत 4.50 करोड़ रुपए का बजट लैप्स न हो जाए। पिछले दो साल से छात्राओं की पढ़ाई क्षेत्र के सामुदायिक भवन में हो रही है। कॉलेज के पास अपनी स्थाई बिल्डिंग नहीं होने के कारण इस कॉलेज में छात्राओं का नामांकन भी नहीं बढ़ रहा है। हालांकि पिछली सरकार के कार्यकाल में कॉलेज भवन निर्माण के लिए करमीसर में भूमि का आवंटन किया गया। लेकिन वह भूमि विवादित होने के कारण कॉलेज का निर्माण नहीं हो सका। अब कॉलेज स्तर पर भवन के लिए नई जगह की तलाश की जा रही है, मगर अभी तक प्रशासन और राज्य सरकार की ओर से कॉलेज को भूमि उपलब्ध नहीं कराई गई है। आयुक्तालय ने कलेक्टर को लिखा पत्र, 5 एकड़ भूमि की जरूरत : बजट घोषणा वर्ष 2023 में खोले गए राजकीय कन्या कॉलेज मुरलीधर व्यास नगर को अस्थाई भवन से स्थाई भवन में संचालित करने के लिए आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा ने बीकानेर जिला कलेक्टर को पत्र भी लिखा है। अतिरिक्त आयुक्त ने कलेक्टर को भेजे पत्र में कॉलेज संचालन के लिए यूजीसी के मापदंड अनुसार 5 एकड़ भूमि शीघ्र आवंटित करवाने के लिए कहा है।कॉलेजों में प्रवेश शुरू, 16 जून अंतिम तिथि : नई शिक्षा सत्र 2025-26 के तहत सरकारी कॉलेज में स्नातक प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है छात्र-छात्राएं 16 जून तक प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। कॉलेज की ओर से ऑनलाइन आवेदन पत्रों का सत्यापन 19 जून तक किया जाएगा। मुरलीधर गर्ल्स कॉलेज में पिछले साल 55% सीटें रही खाली 22 कॉलेजों में 13 सोसायटी के अधीन बीकानेर जिले में 22 गवर्नमेंट कॉलेज संचालित किया जा रहे हैं। जिनमें से 13 कॉलेज राजसेस (राजस्थान कॉलेज एजुकेशन सोसाइटी) के अधीन संचालित हैं। इन कॉलेजों को पिछली सरकार के कार्यकाल में 2021 से 2023 के बीच खोला गया था। प्रत्येक कॉलेज को भवन निर्माण के लिए 4.50 करोड़ रुपए आवंटित हुए। बीकानेर शहरी क्षेत्र में मुरलीधर कन्या कॉलेज और राजकीय गंगाशहर कॉलेज समिति के अधीन है। जिसमें से गंगाशहर कॉलेज की बिल्डिंग पिछले साल बन चुकी है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र के 9 कॉलेज नए भवन में संचालित है। नापासर और बज्जू कॉलेज की बिल्डिंग भी तैयार है। नोखा गर्ल्स कॉलेज का काम चल रहा है। बिजली पानी का कनेक्शन होने के बाद इस साल इन कॉलेजों के भी नई बिल्डिंग में शिफ्ट होने की उम्मीद है। स्थाई भवन नहीं होने के कारण कॉलेज में नामांकन भी नहीं बढ़ रहा है पिछले साल करीब 55% सीटें रिक्त रही थीं। इस साल मुरलीधर गर्ल्स कॉलेज में स्नातक फोर्थ सेमेस्टर के भी प्रवेश होंगे। कॉलेज प्रशासन की ओर से भूगोल और राजनीतिक विज्ञान विषय स्वीकृत करने के संबंध में आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा को प्रस्ताव भी भेजे गए हैं। वर्तमान में कॉलेज में कला संकाय के तहत संस्कृत, इंग्लिश, समाजशास्त्र, हिंदी, अंग्रेजी, गृह विज्ञान लोक प्रशासन जैसे सात विषय स्वीकृत हैं। नोडल कॉलेज पर निर्भर, अलग से बजट नहीं, संविदा पर स्टाफ राजस्थान कॉलेज एजुकेशन सोसाइटी एक्ट के तहत खोले गए इन कॉलेजों में वित्तीय प्रावधान नहीं होने के कारण मूलभूत सुविधाओं के लिए कॉलेज स्टाफ को भामाशाह और नोडल कॉलेज पर निर्भर रहना पड़ रहा है। प्रत्येक कॉलेज में 21 पद दिए गए हैं। समिति के तहत कार्मिक उपलब्ध होने तक इन कॉलेज में विद्या संबल योजना में शिक्षकों को गेस्ट फैकल्टी पर लगाया जाता है। वही नॉन टीचिंग पदों पर कमेटी के जरिए कार्मिक उपलब्ध होने तक सेवानिवृत्ति कार्मिकों को रखे जाने का प्रावधान है।