21 साल बाद राजस्थान यूनिवर्सिटी को मिली ए प्लस ग्रेड:कुलगुरु बोलीं- सबके सहयोग से हुआ संभव, अब मिलेगी ग्रांट्स

राजस्थान के युवाओं के लिए अच्छी खबर है। राराजस्थान यूनिवर्सिटी को नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रीडिटेशन काउंसिल (NAAC) ने ए प्लस ग्रेड दी है। यह ग्रेड देश के सर्वश्रेष्ठ शिक्षण संस्थानों को दी जाती है। ऐसे में नेक द्वारा दी गई इस ग्रेट के बाद न सिर्फ राजस्थान यूनिवर्सिटी की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनेगी। बल्कि, केंद्र सरकार द्वारा यूनिवर्सिटी के विकास के लिए फंडिंग भी जारी की जाएगी। जिस यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को और बेहतर प्लेटफार्म उपलब्ध हो सकेंगे। दरअसल, नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रीडिटेशन काउंसिल यूजीसी (UGC) की स्वायत्त संस्था है। जो देश के उच्च शिक्षण संस्थानों का मूल्यांकन और एक्रीडिटेशन करती है। नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रीडिटेशन काउंसिल शिक्षा की गुणवत्ता, शोध, प्रशासन, छात्रों के विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे कई मापदंडों पर संस्थानों का मूल्यांकन करती है। इसके लिए संस्थानों को 0 से 4.0 के स्केल पर ए, ए प्लस, ए प्लस प्लस ग्रेड दिए जाते हैं। राजस्थान यूनिवर्सिटी कि कुलगुरु प्रोफेसर अल्पना कटेजा ने कहा- साल 2004 के बाद अब यूनिवर्सिटी ने ए प्लस ग्रेड हासिल की है। यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। यह सफलता राजस्थान यूनिवर्सिटी के सतत सुधार, शिक्षकों की मेहनत, प्रशासनिक दक्षता और स्टूडेंट्स शानदार प्रदर्शन का प्रतिफल है। इस मान्यता से न केवल राजस्थान यूनिवर्सिटी की साख बढ़ी है। बल्कि, इससे हजारों स्टूडेंट्स और शोधार्थियों के भविष्य के अवसर को भी पंख लगेंगे। उन्होंने कहा कि राजस्थान यूनिवर्सिटी को नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रीडिटेशन काउंसिल द्वारा ए प्लस ग्रेड हमारी मजबूत शैक्षणिक और प्रशासनिक व्यवस्था को दर्शाता है। मिलेगी फंडिंग, शुरू होगी नई योजनाएं ए प्लस ग्रेडिंग के बाद अब राजस्थान यूनिवर्सिटी का नाम देश की टॉप यूनिवर्सिटी की लिस्ट में दर्ज हो चुका है। जिसके बाद अब दुनिया के प्रमुख संस्थानों से MoU, शोध साझेदारी और स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम की संभावनाएं भी कई गुना बढ़ने की उम्मीद है। ए प्लस ग्रेड प्राप्त संस्थान UGC और अन्य एजेंसियों से रिसर्च, स्टार्टअप इनक्यूबेशन, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर और नवाचार योजनाओं के लिए विशेष फंडिंग के पात्र हो सकेंगे। इस मान्यता के बाद यूनिवर्सिटी नया पाठ्यक्रम शुरू करने, क्रेडिट आधारित प्रणाली अपनाने जैसे कई एकेडमिक और प्रशासनिक फैसलों में ज्यादा स्वायत्तता प्राप्त करेगा। ऐसे में उम्मीद है कि इस ग्रेडिंग के बाद न सिर्फ यूनिवर्सिटी को केंद्र से काफी फंडिंग मिलेगी। बल्कि, कई नई योजनाएं और कोर्स भी यूनिवर्सिटी में शुरू होंगे। स्टूडेंट्स को मिलेगा सीधा फायदा