हाईवे की लुटेरी गैंग ने 11 वारदात कबूलीं:लूट के बाद खंडहरों में शरण लेते, सोशल मीडिया पर डॉन नाम से आईडी बनाई

हाईवे 56 और 927 a पर लूट करने वाली गैंग की गिरफ्तारी के बाद दो आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में कई खुलासे किए हैं। सभी आरोपी 15 से 19 साल के बीच की उम्र के हैं। सदर थानाधिकारी बुधराम विश्नोई ने बताया कि एक आरोपी नारेलपाड़ा निवासी 19 वर्षीय विश्राम पुत्र छगनलाल है। पूछताछ में उसने बताया कि लूटी हुई चीजों को वह अपने मौज-शौक के काम में लेते थे। वह महंगे मोबाइल और बाइक चलाने के शौकीन हैं। सभी ने इंस्टाग्राम पर आईडी पर डॉन लिखा हुआ है। लूट के बाद घर नहीं जाते थे
सभी आरोपी वारदात के बाद अपने घर नहीं जाते थे, क्योंकि उन्हें डर रहता था कि पुलिस घर पर पूछताछ करेगी। इसलिए सभी आरोपियों ने गांव के बाहर पुराने खंडहर भवन, नदी-नालों को अपना आसरा बना दिया था। वह वहीं पर रहते, खाते, सोते और अगली वारदात की साजिश रचते थे। गैंग के सभी 6 आरोपी आपस में रिश्तेदार
गैंग में कुल छह आरोपी हैं। इनमें तीन नाबालिग हैं। खास बात यह है कि सभी आरोपी आपस में रिश्तेदार हैं। विश्नोई ने बताया कि अभी 11 वारदातें कबूली हैं। पूछताछ में अन्य आरोपियों के खुलासे की आशंका है। खुलासे में अहम भूमिका निभाने वाले थाने के हेड कांस्टेबल नानूराम चरपोटा ने बताया कि यह गैंग पिछले पिछले एक साल से सक्रिय थी। इन्होंने बांसवाड़ा-घाटोल बांसवाड़ा-उदयपुर, दाहोद मार्ग मार्ग, बांसवाड़ा-और बांसवाड़ा-तलवाड़ा मार्ग पर ज्यादातर वारदातें की हैं। सभी आरोपी वारदात से पहले उनकी उम्र के लड़कों की रैकी भी करते थे। हम उम्र के ही युवाओं को इसलिए लूटते थे, ताकि उनका मुकाबला कर सकें। रिश्तेदार की शादी में हुई थी मुलाकात, दोस्ती पक्की होने पर बनाई गैंग
खास बात यह है कि इस गैंग का मास्टरमाइंड एक नाबालिग है। सबसे पहले सुरपुर धाणी निवासी ललित पुत्र मनोज, उसके बाद भवरकड़ा निवासी अनिल पुत्र दलजी फिर नारेलपाड़ा घंटाला निवासी विश्राम पुत्र छगन को गिरफ्तार किया। इनमें ललित 5वीं, अनिल 7वीं और विश्राम 8वीं तक ही पढ़ा है। गैंग में केवल एक बालक ने ही 11वीं तक पढ़ाई की है। वह इसी सत्र में 11वीं पास कर 12वीं कक्षा में आया है। यह सबसे पहले रिश्तेदारों के शादी समारोह में मिले थे। वहां से इनकी दोस्ती गहरी हो गई। वहीं से सभी ने गैंग बनाई।