शिक्षकों ने छात्रों के लिए बनाए स्मार्ट क्लास रूम:अब लाइब्रेरी सहित फुटबॉल ग्राउंड पर काम, पिछले साल से 25% बढ़ा नामांकन

राज्य के सरकारी स्कूलों की तस्वीर अब बदल रही है। भामाशाहों के साथ-साथ शिक्षक भी सरकारी स्कूलों के विकास में बढ़ - चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। नापासर के राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल की तस्वीर वहां के कर्मठ शिक्षकों ने बदल दी है। शिक्षकों ने अपनी तनख्वाह से खर्च कर दो पार्क और विद्यार्थियों के लिए दो स्मार्ट क्लास रूम बनवाए हैं। बच्चों को साधन सुविधा उपलब्ध कराने के साथ-साथ शिक्षकों का फोकस नामांकन पर भी है। पिछले साल की तुलना में इस साल 25 फीसदी नामांकन में बढ़ोतरी हुई है। नए शिक्षा सत्र में स्कूल का नामांकन 700 तक पहुंचाने के लिए शिक्षक प्रयासरत है। स्कूल के प्रिंसिपल डॉ= राकेश चौधरी ने बताया कि भामाशाहों के सहयोग से विद्यार्थियों के लिए एक अच्छी लाइब्रेरी का कार्य भी प्रगति पर चल रहा है। जुलाई में इसका इनॉग्रेशन करवाया जाएगा। वही बच्चों के खेलने के लिए फुटबॉल मैदान भी तैयार करवाया जा रहा है। शिक्षकों ने दो पार्क और स्मार्ट क्लास रूम को डेवलप करने के लिए अपनी जेब से करीब ढाई लाख रुपए खर्च किए हैं। दरअसल, नापासर का श्रीमती गीता देवी बागड़ी स्कूल अपने आप में एक मिसाल है। इसी की तर्ज पर शिक्षक अब राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल नापासर को भी डेवलप करने में लगे हुए हैं। स्मार्ट क्लास रूम में ऑनलाइन पढ़ाई भी: नापासर के राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल के इन दोस्मार्ट क्लास रूम में फिलहाल आठवीं से 12वीं के विद्यार्थियों को पढ़ाया जा रहा है। स्मार्ट क्लास रूम में विद्यार्थी ऑनलाइन सिलेबस का भी लाभ उठा रहे हैं। स्कूल प्रशासन ने बताया कि आगामी चरण में चार और कक्षाओं को स्मार्ट क्लास रूम के रूप में विकसित करने की योजना है। 12वीं तक के स्कूल में तीनों संकाय, अब कृषि के भी भेजे प्रस्ताव : 12वीं तक के इस स्कूल में वर्तमान में 564 विद्यार्थियों का नामांकन है। तथा 11वीं 12वीं में साइंस, कॉमर्स और आर्ट्स तीनों संकाय उपलब्ध है। पिछले साल कंप्यूटर विषय की भी स्वीकृति मिल चुकी है। स्कूल प्रशासन ने कृषि संकाय शुरू करने के लिए शिक्षा विभाग को प्रस्ताव भिजवाए हैं।