भीलवाड़ा में खाद-फैक्ट्री पर कृषि विभाग की रेड:डिप्टी डायरेक्टर बोले-300 मीट्रिक-टन खाद की सेल पर रोक, नोटिस दिया

भीलवाड़ा में खाद-फैक्ट्री पर कृषि विभाग की रेड:डिप्टी डायरेक्टर बोले-300 मीट्रिक-टन खाद की सेल पर रोक, नोटिस दिया
भीलवाड़ा में SSP और SSP यूरिया का प्रोडक्शन करने वाली ओस्तवाल फोसकेम इंडिया लिमिटेड फैक्ट्री पर रविवार को जयपुर-भीलवाड़ा की कृषि आयुक्तालय और कृषि विभाग की संयुक्त टीम ने रेड डाली। कार्रवाई कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीना के निर्देश मिलने के बाद की गई। फैक्ट्री में तैयार 300 मीट्रिक टन खाद की सेल पर रोक लगाकर नोटिस जारी किया गया है। भीलवाड़ा कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर शंकर सिंह राठौड़ ने बताया- कृषि मंत्री के निर्देश मिलने के बाद जयपुर से कृषि विभाग की एक टीम भीलवाड़ा पहुंची। भीलवाड़ा से 25 किलोमीटर दूर हमीरगढ़ और वहां से 2 किलोमीटर अंदर ओजियाड़ गांव स्थित इस फैक्ट्री पर जयपुर टीम के साथ भीलवाड़ा कृषि विभाग टीम के अधिकारी भी पहुंचे। तैयार स्टॉक की नीचे की 2 लेयर बारिश में भीगी यहां SSP और SSP यूरिया खाद का प्रोडक्शन हो रहा है। हाल ही हुई बारिश के बाद हमें यहां देखने को मिला कि तैयार स्टॉक की प्रोपर स्टेकिंग नहीं की गई है। नीचे की दो लेयर पानी में भीग चुकी हैं। ​​ऐसे में खाद में नमी हो गई है। अभी तक यह माल यहीं पड़ा है। ऐसे में 3 लोट की सेल पर रोक लगा दी है। इसका नोटिस भी जारी कर दिया गया है। एक लोट में 100 मीट्रिक टन खाद होती है। इस तरह 300 मीट्रिक टन खाद की बिक्री पर रोक लगाई गई है। हमने लैब का भी परीक्षण किया है। जांच में पाया गया कि फर्टिलाइजर (खाद) निर्माण का एनालिसिस ठीक तरीके से नहीं किया गया है। सैंपलिंग तक नहीं की है। खाद की क्वालिटी चेक करने का तरीका भी प्रोपर नहीं है। सैंपल को ट्रेंड विश्लेषणकर्ता के द्वारा चेक किया जाता है। लेकिन इनके पास जो विश्लेषणकर्ता हैं वे ट्रेंड नहीं है। हर तीन साल में उन्हें ट्रेनिंग लेनी होती है। फर्म की तरफ से ट्रेंड नहीं किया जाना पाया गया है। 300 मीट्रिक टन माल को अगले सप्ताह चेक किया जाएगा जिस माल (300 मीट्रिक टन) की बिक्री पर रोक लगाई है, उसे अगले सप्ताह फिर चेक करेंगे। इसके बाद सेल या होल्ड का फैसला करेंगे। फिलहाल कानूनी प्रकिया के तहत फर्म को एक नोटिस दिया गया है। यह इसलिए दिया है क्योंकि फर्म ने कृषि विभाग की ओर से खाद निर्माता फर्म के लिए जारी निर्देशों का उल्लंघन किया है। बारिश के सीजन में खाद के कट्‌टों के नीचे लकड़ी की पटि्टयां लगाई जानी चाहिएं। ताकि बारिश में यह धरातल से ऊपर रहे और खाद में नमी न आ जाए। हर फर्म को सुरक्षित स्टेकिंग करनी चाहिए। लेकिन यहां ऐसा नहीं मिला। खाद की बोरियों की स्टेकिंग सही नहीं मिली। सैंपल लेने वाले विश्लेषणकर्ता भी ट्रेंड नहीं मिले। ऐसे में कार्रवाई की गई है। हमीरगढ़ में दो अन्य फैक्ट्रियों पर भी छापेमारी विभाग की टीम द्वारा हमीरगढ़ क्षेत्र में तीन खाद बनाने वाली फैक्ट्रियों पर रविवार को छापेमारी की। जिसमें कई कमियां पाए जाने पर कार्यवाही की गई l उर्वरकों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं। यहां गायत्री स्पिनर्स एवं मंगलम पोटाश लिमिटेड कम्पनी परिसर में टीम पहुंची। टीम में शामिल करीब एक दर्जन से अधिक अधिकारियों ने फैक्ट्री का बारीकी से निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान खाद के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं। इसके अलावा खाद से भरे कट्टे संदिग्ध लगने पर मंगलम फैक्ट्री पर भी कट्टों की प्रिटिंग संदिग्ध लगने पर 23 बैच की बिक्री पर रोक लगाकर कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। यह रहे टीम में शामिल टीम में जयपुर और स्थानीय कृषि विभाग के एक दर्जन से अधिक अधिकारी शामिल रहे। टीम में कृषि आयुक्तालय जयपुर के संयुक्त निदेशक आदान नवल किशोर मीणा, राजपाल सिंह सहायक निदेशक, धर्म सिंह गुर्जर कृषि अधिकारी, डॉ. शंकर सिंह राठौड़ उपनिदेशक उद्यान भीलवाड़ा, विनोद कुमार जैन, धीरेन्द्र सिंह सहायक निदेशक भीलवाड़ा उपस्थित रहे।