भागवत कथा; कान्हा ने मक्खन चुराया, कंस वध कर मथुरावासियों का भय दूर किया

भागवत कथा; कान्हा ने मक्खन चुराया, कंस वध कर मथुरावासियों का भय दूर किया
निवारू रोड झोटवाड़ा के शक्तिनगर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में मंगलवार को श्रीकृष्ण की बाल लीलाएं हुईं। नटखट कान्हा ने कभी गोपियों का मक्खन चुराया, तो कभी वस्त्र पार कर लिए। कंस का वध कर मथुरावासियों को आजादी दिलाई। इस मौके पर गोवर्धन पूजन के प्रसंग के साथ छप्पन भोग की झांकी सजाई गई। व्यासपीठ से वंृदावन धाम के सुधीर कृष्ण उपाध्याय ने कहा कि भागवत कथा के प्रसंग साधारण किस्से-कहानी नहीं, अपितु गहरे रहस्य से युक्त है। मक्खन और कपड़े चुराने का आशय है कि भगवान अपने भक्त को भौतिकवादी वस्तुओं के मोह से बंधा हुआ नहीं छोड़ते। उन्होंने कहा कि सालों से हिमालय में तप कर रहे ऋषि-मुनि सिर्फ कृष्ण की बाल लीलाओं को देखने गोकुल में आए। कैलाश पर्वत से भगवान शिव भी कन्हैया के दर्शन करने पहुंचे। यह प्रसंग प्रमाणित करता है कि देश में कभी शैव और वैष्णव का कोई भेद नहीं है। गोवर्धन पर्वत प्रसंग के दौरान उन्होंने कहा कि जल, जंगल व पर्वत प्रत्यक्ष देवता है। ये हमें कर्मशील बनने की प्रेरणा देते हैं। इनसे ही सबका पोषण होता है। देवराज इंद्र का अभिमान नष्ट करने के लिए भगवान ने विशाल गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठा अंगुली पर धारण कर लिया। प्रारंभ में मनोज खंडेलवाल, अनिल खंडेलवाल, राजू खंडेलवाल, अमित शर्मा, उपेंद्र शर्मा एवं अन्य ने व्यासपीठ का पूजन कर आरती उतारी। बुधवार को महारास एवं कृष्ण-रुक्मिणी विवाह की कथा होगी।