बिजली विभाग:ऑडिट रिपोर्ट में फ्यूल सरचार्ज शून्य; 57 पैसे/यूनिट तक सस्ती हो सकती है बिजली

प्रदेश में महंगी बिजली खरीद पर लगाम लगाने के बाद डिस्कॉम्स की कॉमर्शियल विंग ने पिछली तिमाही के उपभोग पर फ्यूल सरचार्ज की वसूली नहीं करने की रिपोर्ट दी है। ऐसे में आरईआरसी के निर्णय के अनुसार बिलों में बेस फ्यूल सरचार्ज कम लगाया जाएगा। यह वर्तमान बेस फ्यूल सरचार्ज 28 पैसे प्रति यूनिट से भी कम होगा। प्रदेश में अक्टूबर 2024 से दिसंबर 2024 तक बिजली खरीद कंट्रोल में रही और अप्रूव्ड पावर परचेज कॉस्ट से भी औसतन कम दर पर बिजली खरीदी गई। ऐसे में जनवरी से मार्च 2025 तक के बिजली उपभोग का आम जनता पर फ्यूल सरचार्ज का भार नहीं पड़ेगा। ऑडिट रिपोर्ट में है कि प्रदेश में अप्रूव्ड पावर परचेज कॉस्ट 3.14 रु. प्रति यूनिट है, जबकि उस दौरान बिजली खरीद की औसत रेट 3.10 रु. प्रति यूनिट ही रही। पिछले वित्तीय वर्ष में 57 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से फ्यूल सरचार्ज की वसूली हो रही थी। इसके साथ ही 7 पैसे प्रति यूनिट का स्पेशल फ्यूल सरचार्ज लग रहा था। ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर का कहना है कि पिछली सरकार के मुकाबले बिजली खरीद की रेट बहुत कम की है। चोरी और छीजत पर सख्त मॉनिटरिंग का परिणाम ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर और डिस्कॉम चेयरमैन आरती डोगरा बिजली सप्लाई व खरीद की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। दूसरे प्रदेश से पावर बैकिंग को भी कंट्रोल किया गया। बिजली चोरी व छीजत पर सख्त कार्यवाही से पावर परचेज कॉस्ट कम हुई है। शॉर्ट टर्म बिजली खरीद की अप्रूव्ड रेट 3.26 रु. प्रति यूनिट है, जबकि पिछली तिमाही में केवल 3.25 रु. प्रति यूनिट की परचेज कॉस्ट आई है।