फर्जीवाड़ा करने वालों का ट्रांजेक्शन मैनेजमेंट सिस्टम सस्पेंड:भास्कर के खुलासों के बाद प्रदेश के 119 हॉस्पिटल व दवा दुकानें RGHS से बाहर

फर्जीवाड़ा करने वालों का ट्रांजेक्शन मैनेजमेंट सिस्टम सस्पेंड:भास्कर के खुलासों के बाद प्रदेश के 119 हॉस्पिटल व दवा दुकानें RGHS से बाहर
राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (आरजीएचएस) में हो रहे फर्जीवाड़े पर भास्कर के खुलासों के बाद सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। योजना से जुड़े 119 अधिक निजी अस्पतालों व दवा दुकानों पर कार्रवाई हुई है। इनका ट्रांजेक्शन मैनेजमेंट सिस्टम (टीएमएस) सस्पेंड कर दिया गया है। ये सभी अलग–अलग तरह से फर्जीवाड़ा कर क्लेम उठा रहे थे। अब ये अस्पताल आरजीएचएस में इलाज नहीं कर पाएंगे और दवा दुकानें दवाई नहीं बेच पाएंगी। हालांकि इन्हें योजना से स्थायी रूप से बाहर करने से पहले अपना पक्ष रखने का मौका मिलेगा। इससे आगे का एक्शन तय होगा। जिनकी गलती छोटी होगी उन पर पेनल्टी लगेगी और गंभीर फर्जीवाड़ा सामने आने पर स्थायी तौर पर आरजीएचएस से बाहर कर दिया जाएगा। यह भी सतर्कता रखी जाएगी कि बाहर किए गए अस्पताल व दवा दुकानें दूसरे नामों से फिर से योजना से नहीं जुड़ जाएं। भास्कर ने बताया था भ्रष्ट गठजोड़ से हो रहे थे क्लेम पास बता दें कि कि भास्कर ने 30 व 31 मई को खबर प्रकाशित कर यह खुलासा किया था कि प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों, पेंशनर्स व उनके आश्रितों के कैशलेस इलाज के लिए चल रही आरजीएचएस कैसे राजस्थान ‘गबन’ हेल्थ स्कीम बन गई है। कैसे अस्पताल अनावश्यक ढेरों जांच कर रहे हैं और बिना बीमारी भर्ती कर बिल बना रहे हैं। अस्पताल और दवा दुकानों के साथ सिस्टम के भ्रष्ट गठजोड़ के चलते सभी क्लेम पास भी हो रहे थे। 13 अस्पताल झुंझुनूं के व जयपुर में 10 पर कार्रवाई जिन अस्पतालों पर कार्रवाई की गई है। उनमें सबसे ज्यादा संख्या झुझुनूं जिले की है। यहां के 13 अस्पतालों का टीएमएस सस्पेंड किया गया है। वहीं, जयपुर जिले के 10 व सीकर के 7 अस्पतालों का टीएमएस सस्पेंड हुआ है। जयपुर की 6 दवा दुकानों के खिलाफ भी कार्रवाई हुई है। बता दें कि आरजीएचएस से प्रदेश में 1717 अस्पताल और 4862 दवा दुकानें जुड़ी हैं।