प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने तैयार कराया एप:प्लास्टिक की बोतल के बदले मिलेगा गिफ्ट, घर से लेने के लिए श्रमिक आएगा

प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने तैयार कराया एप:प्लास्टिक की बोतल के बदले मिलेगा गिफ्ट, घर से लेने के लिए श्रमिक आएगा
विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को है। पर्यावरण को सुरक्षित रखने की दिशा में कई अभियान-योजनाएं और कार्यक्रम चल रहे हैं। अब एक अनूठा अभियान शुरू होने वाला है। आपके घर-कार्यालय या संस्थान से निकलने वाली प्लास्टिक की बोतल अब आप जहां बताएंगे, वहां से एकत्र होंगी और इसके बदले में आपको आकर्षक उपहार भी मिलेगा। सार्वजनिक स्थलों पर भी आप इन्हें इधर-उधर फेंकने की जगह मशीन में डाल सकेंगे। इसके लिए शहर में पांच जगह ये मशीनें लगी होंगी। बोतलों काे एकत्र करने के लिए 5 जून से उदयपुर का प्रदूषण नियंत्रण मंडल PLASTICLEAN (प्लास्टिक्लीन) एप लॉन्च करेगा। इस पर आमजन, होटल, अस्पताल और उद्योग संचालक निशुल्क रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे। शुरुआत में कम से कम 10 बोतलों पर गिफ्ट दिया जाएगा। मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी शरद सक्सेना ने बताया कि प्रोत्साहन के रूप में मुफ्त लंच, डिनर, मूवी टिकट, कपड़े के थैले, टी-शर्ट, टेराकोटा, वाउचर आदि दिए जाएंगे। ये सीएसआर फंड, होटल-मॉल्स या किसी अन्य संस्थाओं के जरिये दिए जाएंगे। उपहार पाने की प्रक्रिया बेहद आसान है। जैसे ही आपके 10 बॉटल पूरी हो जाएगी। एप के जरिए आपको और विभाग को नोटिफिकेशन आएगा। इसके बाद विभाग के जरिए आपको उपहार दिया जाएगा। गिफ्ट पाना आसान...कम से कम 10 बोतल देनी होगी, मुफ्त लंच-डिनर-मूवी टिकट-थैले, टी-शर्ट या वाउचर जैसे उपहार बोतल एकत्र करने के लिए 20 जगह पिंजरे लगाएंगे एप पर रजिस्ट्रेशन कराने के बाद बोतल जमा कराने की जानकारी देनी होगी। यह मैसेज खुद-ब-खुद नजदीकी कचरा संग्रहकर्ता के पास जाएगा। यह संग्रहकर्ता फिनीलूप नामक एनजीओ से जुड़ा श्रमिक होगा। वह बोतल लेने रजिस्ट्रेशन करवाने वाले की लोकेशन पर पहुंचेगा और प्लास्टिक की बॉटल लेगा। इसके बदले में कोई पैसा नहीं लिया जाएगा। इस एप को गीतांजलि कॉलेज के स्टूडेंट्स ने तैयार किया है। शहर में सरकारी-निजी अस्पतालों समेत करीब 20 जगहों पर बोतल संग्रह के लिए पिंजरे (डस्टबिन) भी लगाए जाएंगे। ये पिंजरे फुल होने के बाद मोबाइल एप पर जानकारी दी जा सकेगी। हर माह 10 हजार किलो कचरा शहर में हर महीने करीब 10 हजार किलो प्लास्टिक बोतल का कचरा इकट्ठा होता है। पर्यटक समेत शहरवासी इन्हें यूं ही कूड़े में डाल देते हैं। अगर किसी कबाड़ी को ये बोतल दी जाती है तो 40 से 50 बोतल में एक किलो वजन होता है। इसके बदले में औसतन 10-12 रुपए मिलते हैं। ऐसे में लोग इन्हें एकत्र करने में परहेज करते हैं। फतहसागर व सुखाड़िया सर्किल जैसी प्रमुख जगह लगेंगी मशीनें