पुलिस ने तस्कर बनकर 1 लाख का इनामी तस्कर पकड़ा:5वीं पास आरोपी 6 बार दे चुका था चकमा; इंटरनेट कॉल से करता था डील

पुलिस ने तस्कर बनकर 1 लाख का इनामी तस्कर पकड़ा:5वीं पास आरोपी 6 बार दे चुका था चकमा; इंटरनेट कॉल से करता था डील
जोधपुर रेंज की स्पेशल साइक्लोनर टीम ने तस्कर बनकर 1 लाख के इनामी बदमाश को मध्य प्रदेश से गिरफ्तार किया है। तस्कर चीमाराम (30) पिछले 6 साल से फरार चल रहा था। बदमाश इतना शातिर है कि 6 बार पुलिस टीम को चकमा दे चुका था। जब पुलिस पीछा करती तो गाड़ी तेज भगाकर पुलिस को उलझाता और पीछे से मादक पदार्थ की खेप पार करवा देता था। आरोपी मादक पदार्थ से भरे ट्रक को गंतव्य तक पहुंचाने के लिए 20 हजार से लेकर 1 लाख रुपए तक लेता था। बड़े तस्कर चीमाराम को अपने साथ जोड़ने के लिए नीलामी करते थे। जो सबसे ज्यादा पैसे देता, बदमाश उसी के साथ काम करता था। साइक्लोनर टीम के सदस्यों ने खुद को तस्कर का गुर्गा बताया और मादक पदार्थ की डील के बहाने होटल में बुलाया। बदमाश से मिलने आया तो उसे गिरफ्तार कर लिया। पकड़े जाने पर बदमाश ने पहले अपनी पहचान छिपाई, लेकिन बाद में स्वीकार कर ली। साइक्लोनर टीम के गठन के बाद 116वां आरोपी गिरफ्तार जोधपुर रेंज आईजी विकास कुमार ने बताया- साइक्लोनर टीम ने मादक पदार्थ तस्करी के मामले में 6 साल से फरार चल रहे 1 लाख रुपए के इनामी कुख्यात तस्कर चीमाराम (30) को पकड़ा है। साइक्लोनर टीम के गठन के बाद 116वां आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आया है। आईजी ने बताया- तस्कर चीमाराम ने 5वीं तक पढ़ाई की। पढ़ाई में मन नहीं लगने पर पानी का टैंकर चलाने लगा। साथ ही ट्रैक्टर चलाकर करतब दिखाने लगा। इस दौरान वह तस्करों के संपर्क में आ गया। आरोपी इतना शातिर है कि नशे के वाहन को एस्कॉर्ट करता था। पुलिस को देखकर आरोपी गाड़ी तेज भगाकर ले जाता। पुलिस उसे पकड़ने में लगी रहती तब तक मादक पदार्थ की खेप पार हो जाती थी। 15 केस दर्ज, 3 बार जेल जा चुका आरोपी आईजी विकास कुमार ने बताया- तस्कर चीमाराम के खिलाफ राजस्थान के विभिन्न थानों में 15 मामले दर्ज हैं। वह तीन बार जेल जा चुका है। 2015 में धोरीमन्ना, 2016 में बाड़मेर सदर, 2018 में नागाणा और 2019 में पाली के सुमेरपुर और बाड़मेर के शिव इलाके में पुलिस पर फायरिंग भी कर चुका है। मारवाड़ से मेवाड़ तक फैला था नेटवर्क विकास कुमार ने बताया- चीमाराम ने अपनी शुरुआत विरधाराम और श्रीराम बिश्नोई जैसे तस्करों के साथ की थी। उसका नेटवर्क मारवाड़ से मेवाड़ तक फैला था। आरोपी सिर्फ इंटरनेट कॉल का इस्तेमाल करता था और साउथ के राज्यों में छुपकर रहता था। आरोपी ट्रकों पर घूम-घूम कर तस्करी करता और आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल करता था। जयपुर और उदयपुर रेंज पुलिस ने 50-50 हजार का इनाम घोषित किया था। कोर्ट ने स्थायी वारंट भी जारी किए थे। बदमाश को पकड़ने के लिए 1 साल से चल रहा था ऑपरेशन आईजी ने बताया- पुलिस ने एक साल तक चले ऑपरेशन में कई बार दबिश दी। गृह प्रवेश, बेटे के जन्म पर गांव में, नीमच के होटल में, गुजरात में नए साल पर, नागपुर में ट्रक पर और जैसलमेर में बहन के ससुराल में दबिश दी, लेकिन हर बार वह बच निकला। तस्कर बनकर पुलिस ने बिछाया जाल आईजी विकास कुमार ने बताया- आरोपी को पकड़ने के लिए साइक्लोनर टीम ने उसके एक गुर्गे पर नजर रखी और मध्य प्रदेश में तस्कर का गुर्गा बनकर पहुंची। 20 जून को आरोपी को होटल में चाय पीते समय दबोच लिया गया। आरोपी के पास हथियार नहीं थे, इसलिए टीम को उसे पकड़ने में सफलता मिली। 21 जून को टीम उसे जोधपुर लेकर आई।