पिछले वर्ष अक्टूबर में सिंचाई विभाग के 30 बांधों में था शत-प्रतिशत पानी, अब आधे खाली हो चुके

पिछले वर्ष अक्टूबर में सिंचाई विभाग के 30 बांधों में था शत-प्रतिशत पानी, अब आधे खाली हो चुके
भास्कर संवाददाता | टोंक जिले में सिंचाई विभाग ने बाढ़ नियंत्रण कक्ष शुरू कर दिया है। यह कक्ष 30 सितंबर तक चलेगा। सभी रेनगेज क्षेत्रों में कर्मचारी तैनात कर दिए गए हैं। अब हर दिन दो बार पानी की नाप की जाएगी। बांधों की ऑयलिंग सहित जरूरी काम पूरे कर लिए गए हैं।सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिले के सभी 30 बांधों की स्थिति जांच ली गई है। इनमें से 15 बांध पूरी तरह सूख चुके हैं। बाकी में भी 25 प्रतिशत से कम पानी बचा है। पिछले साल अक्टूबर में सभी बांध शत-प्रतिशत भर गए थे। उस समय जिले में 1099 मिमी बारिश हुई थी। यह सामान्य 619.32 मिमी से करीब 480 मिमी ज्यादा थी। इसी कारण सभी बांध ओवरफ्लो हो गए थे। इस बार जिले की औसतन सामान्य बारिश 654.94 मिमी मानी गई है। यह आंकड़ा पिछले दस साल की औसत पर आधारित है। अगर इतनी बारिश नहीं हुई तो बांध नहीं भर पाएंगे। विभाग के टीए रामप्रसाद जांगिड़ ने बताया कि इस साल जून की शुरुआत में सभी बांधों में कुल मिलाकर करीब 24 प्रतिशत पानी है। अधिकारियों का कहना है कि सामान्य से अधिक बारिश होने पर ही बांध भरते हैं। ऐसे में इस बार भी सामान्य से ज्यादा बारिश जरूरी है। विभाग के अनुसार, सभी रेनगेज क्षेत्रों में सामान्य से अधिक बारिश होने पर बांधों में 60 से 70 प्रतिशत तक पानी आने की संभावना रहती है। सिंचाई विभाग के 30 बांधों से 51 हजार हैक्टेयर भूमि की सिंचाई होती है। पूरी तरह सूखे 15 बांधों में श्योदानपुरा, दौलत सागर, पनवाड़, ठिकरिया, थांवला, घारेड़ा, सुथड़ा, ढीबरू सागर, मोहम्मदगढ़, भानपुरा, भावलपुर, मानसागर, नासिरदा, दूदी सागर, दूनी सागर, संग्राम सागर और बोटूंदा शामिल हैं। सबसे ज्यादा पानी गलवा और बिडोली में गलवा में 37.16 प्रतिशत, बिडोली में 47.91 प्रतिशत पानी है। टोरडी सागर में 31.18, मासी में 34.46, चांदसेन में 32.99, किरावल सागर में 29.04, शहोदरा में 6.01, रामसागर लांबा में 3.67, कुम्हारिया में 12.27, रामसागर गनवार में 0.41, हालोलाव में 0.48 और माधोलाव में 30.05 प्रतिशत पानी मौजूद है।