पपला गुर्जर को फिर भगाने का बना रहा था मास्टरप्लान:AK-56 से लैस 'लारा' की बड़े धमाके की तैयारी, कई गैंगस्टर भी थे उसके निशाने पर

पपला गुर्जर को फिर भगाने का बना रहा था मास्टरप्लान:AK-56 से लैस 'लारा' की बड़े धमाके की तैयारी, कई गैंगस्टर भी थे उसके निशाने पर
एके-47 से हमला कर बहरोड़ जेल से पपला गुर्जर को भगाने वाले गैंगस्टर राजवीर गुर्जर उर्फ लारा (32) एक बार फिर बड़ा कांड करने की तैयारी में था। एक बार फिर फिल्मी स्टाइल में पपला गुर्जर को भगाने की पूरी प्लानिंग कर रखी थी। अंडरवर्ल्ड तक अपना नाम सुर्खियों में लाने के लिए कई गैंगस्टर्स को मारने वाला था। एनसीआर में एक्टिव सुंदर भाटी, हरियाणा के सुरेंद्र उर्फ चीकू जैसे कई बदमाश निशाने पर थे। इसके लिए उसने AK-56 जैसे हाइटेक हथियारों का जखीरा इकट्ठा कर रखा था। लेकिन उससे पहले एक लाख का इनामी बदमाश लारा राजस्थान पुलिस की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) के हत्थे चढ़ गया। उससे पूछताछ के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। राजवीर ने इस दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। संडे बिग स्टोरी में पढ़िए पूरी रिपोर्ट…. एके-47 से थाने पर फायरिंग कर पपला गुर्जर को छुड़ाया बहरोड़ थाना पुलिस ने 5 सितंबर 2019 की रात को हाईवे पर चैकिंग के दौरान पपला गुर्जर को 31.90 लाख कैश के साथ पकड़ा था। पुलिस 5 लाख के इनामी हरियाणा के कुख्यात बदमाश को पहचान नहीं सकी। पपला को सामान्य कैदी की तरह बहरोड़ थाने के लॉकअप में बंद कर दिया था। अगले दिन 6 सितंबर 2019 को सुबह 9 बजे पपला गुर्जर के करीब 15 बदमाशों ने एके-47 और एके-56 राइफल से बहरोड़ थाने पर हमला बोल दिया था। बदमाशों ने 50 राउंड फायर किए। लॉकअप तोड़कर पपला गुर्जर को भगा ले गए थे। फिल्मी अंदाज में हुआ यह राजस्थान का सबसे चर्चित जेल ब्रेक कांड बन गया था। पुलिस जवाबी कार्रवाई में एक फायर तक नहीं कर सकी। इस घटना से राजस्थान पुलिस की बहुत किरकिरी हुई थी। पपला को जेल से भगाने की साजिश का मास्टरमाइंड राजवीर उर्फ लारा था, जो 6 साल से पकड़ा नहीं गया था। राजवीर की करता था हमलों की प्लानिंग पपला गुर्जर हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के खैरोली गांव का रहने वाला है। राजवीर भी पपला गुर्जर के गांव का ही रहने वाला है। दोनों के बीच अच्छी दोस्ती है। पूछताछ में राजवीर उर्फ लारा ने बताया कि वह हमेशा पपला गुर्जर के साथ ही रहा है। उसके पकड़े जाने से कुछ समय पहले ही वह एनसीआर में रहने लगा था। पपला गुर्जर गैंग की वारदात की प्लानिंग राजवीर ही करता था। योजना को फिल्मी स्टाइल में बड़े स्तर पर अंजाम देता था। पूछताछ में बोला- बड़ा धमाका करने वाला था एक लाख के इनामी बदमाश राजवीर से पूछताछ के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। प्रारंभिक पूछताछ में उसने बताया कि वह इस बार बहरोड़ जेल ब्रेक कांड से भी बड़ा धमाका करने वाला था। पपला गुर्जर को जेल से छुड़ाने की फिर से तैयारी कर रहा था। इसे अंजाम देने के लिए AK-56 और हाइटेक हथियारों का इंतजाम कर लिया था। अपने गिरोह में नए युवकों को भी शामिल कर रहा था। राजवीर कौनसी जैल से पपला को भगाने वाला था इसका खुलासा अभी नहीं हो पाया है। जानकारी के अनुसार पपला अभी अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल से हरियाणा की भौंडसी जेल में है। नॉर्थ इंडिया का बड़ा गैंगस्टर बनने की इच्छा, कुख्यात बदमाशों को करने वाला था शूट राजवीर गुर्जर उर्फ लारा ने पुलिस को बताया कि वह नॉर्थ इंडिया का बड़ा गैंगस्टर बनना चाहता था। इसलिए वह सिर्फ गैंगस्टर्स को ही अपना निशाना बना रहा था। इसी के चलते उसने यूपी के मुख्तार अंसारी गैंग से नजदीकी बनाई। उसके निशाने पर नोएडा का गैंगस्टर सुंदर भाटी था, जिसकी वह हत्या करने वाला था। सुंदर भाटी वही बदमाश है, जिसका नाम बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी हत्याकांड में सामने आया था। राजवीर ने पुलिस को बताया कि पपला गुर्जर के पकड़े जाने से पहले हरियाणा में नारनौल के गैंगस्टर सुरेंद्र उर्फ चीकू को मारने की प्लानिंग भी की थी। 2022 में गुरुग्राम में सोहना के पूर्व वाइस चेयरमैन सुखबीर खटाना की हत्या और झज्जर में हुए एक मर्डर में भी पपला व राजवीर की भूमिका सामने आई थी। इनके संबंध में पुलिस पूछताछ कर तस्दीक कर रही है। हुलिया बदलकर कई राज्यों में काटी फरारी बहरोड़ जेल ब्रेक के 17 महीने बाद भिवाड़ी के तत्कालीन एडिशनल एसपी सिद्धांत शर्मा के नेतृत्व में कमांडो टीम ने पपला गुर्जर को उसकी गर्लफ्रेंड जिया के साथ महाराष्ट्र के कोल्हापुर से गिरफ्तार कर लिया था। कुल 32 आरोपी गिरफ्तार किए। लेकिन गैंगस्टर राजवीर पुलिस को चकमा देता रहा। राजवीर अलग-अलग राज्यों में भेष बदल कर फरारी काट रहा था। अधिक समय तक एक जगह नहीं रुकता था। फरारी के दौरान वह गोवा, हरिद्वार में रहा। अधिकांश समय दक्षिण के राज्यों में गुजारा। कभी स्टूडेंट, पहलवान या कंपनी वर्कर बनकर रहा। इसके साथ ही वह अन्य गैंग के साथ मिलकर अपने गिरोह में नए साथियों को शामिल कर रहा था। गांव में आने के इनपुट पर पुलिस ने डाला डेरा एजीटीएफ के एडिशनल एसपी सिद्धांत शर्मा ने बताया कि राजवीर एक शहर में छिपने के दो से तीन ठिकाने बनाता था। ताकि लोकेशन ट्रेस नहीं हो और ठिकाना आसानी से बदला जा सके। टीम को दो-तीन महीने पहले इनपुट मिला कि राजवीर गुर्जर अब कभी-कभी अपने गांव व आस-पास के इलाके में आने लगा है। टीम ने इनपुट के आधार पर 10 गांवों को चिह्नित किया। जहां अक्सर राजवीर का आना-जाना लगा रहता था। उसे लगा था 6 साल बाद पुलिस अब उसका क्या पीछा करेगी। यही गलती उस पर भारी पड़ गई। सब्जी वाला बनकर घूमी पुलिस, हरियाणा-राजस्थान की 10 लोकेशन पर टीमें तैनात की राजवीर को काबू करने के लिए पुलिस ने हरियाणा के रोहतक, रेवाड़ी, जिंद और पलवल व राजस्थान के खैरथल, कोटकासिम में 10 लोकेशन पर सादा वर्दी में पुलिसकर्मी तैनात किए। एजीटीएफ के कांस्टेबल सुधीर को सूचना मिली कि राजवीर बुद्ध पूर्णिमा यानी 12 मई के बाद कभी भी अपने गांव में एक दोस्त से रात में मिलने आएगा। पुलिस ने इनपुट के आधार पर चार से पांच स्थान चिन्हित कर पुलिसकर्मियों को तैनात किया। पुलिस टीमें दूर से सब्जी वाले की गाड़ी व लोकल पिकअप के साथ ग्रामीणों के भेष में मौजूद थी। जब 20 मई को राजवीर अपने साथी से मिलने रेवाड़ी पहुंचा तो पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। इस ऑपरेशन के दौरान सुधीर ने सूचना जुटाने, मुखबिर तैयार करने और लोकल ग्राउंड लेवल पर काम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अनजान नंबर से करता था फोन राजवीर गुर्जर पुलिस से बचने के लिए मोबाइल फोन नहीं रखता था। वह जानता था कि पुलिस उसकी लोकेशन ट्रेस कर सकती है। इसी कारण उसने सोशल मीडिया से भी दूरी बना रखी थी। वह अपने किसी परिचित या रिश्तेदार के संपर्क में भी नहीं था। जब उसे मिलना होता तो वह खुद किसी भी अनजान व्यक्ति से मोबाइल लेकर अपने दोस्त व परिचितों को फोन करता था। उन्हें मिलने की जगह और समय बताता और उस दिन उनसे मिलने जाता। राजवीर को पकड़े जाने का डर इस कदर था कि वह बताई जगह पर पहुंचने के बाद पहले आस-पास पुलिस की मौजूदगी की पूरी पड़ताल करता। जब उसे पूरी तरह विश्वास हो जाता कि काेई खतरा नहीं है, तब वह किसी से मिलता था। जमीन में छुपाकर रखता था हथियार राजवीर अपने साथ हथियार नहीं रखता था। वह अपने हथियारों को जमीन में गड्ढा खोदकर छुपा देता था। गांव में आता तो वहां पहुंचने पर निकाल लेता था। जाने से पहले हथियार को वापस उसी जगह छुपा देता था। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उसकी निशानदेही पर संगवाड़ी गांव से एके-56 राइफल, डबल मैगजीन व 7 कारतूस बरामद किए। पुलिस राजवीर से उससे बरामद एके-56 और पूर्व में पपला गुर्जर से बरामद एके-47 के बारे में भी पूछताछ कर रही है। ‘लारा गिरोह’ के साथियों की पड़ताल शुरू एजीटीएफ के एडिशनल एसपी सिद्धांत शर्मा ने बताया कि राजवीर अभी रिमांड पर है। उसके अन्तरराज्यीय गैंग के साथ संबंधों को लेकर पूछताछ की जा रही है। फरारी के दौरान राजवीर के साथ जुड़े युवक कौन हैं? राजस्थान के अलावा किन राज्यों के युवक राजवीर के संपर्क में आए। इन्हें हथियार कहां से मिल रहे हैं? किन बदमाशों के पास किस तरह के हथियार हैं। इस संबंध में पूछताछ की जा रही है। फरारी के दौरान राजवीर ने किन वारदातों को अंजाम दिया। कौन सी वारदातों में राजवीर की भूमिका रही है। इसको लेकर भी पूछताछ की जा रही है। पूछताछ के लिए गठित एसआईटी टीम