डोटासरा बोले- सीएम-मंत्री का रोल सरकार में नहीं दिख रहा:कभी दिल्ली की हाजिरी, कभी गुजरात जाकर ट्रेनिंग ले रहे कैसे नफरत फैलाई जाए

डोटासरा बोले- सीएम-मंत्री का रोल सरकार में नहीं दिख रहा:कभी दिल्ली की हाजिरी, कभी गुजरात जाकर ट्रेनिंग ले रहे कैसे नफरत फैलाई जाए
पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने आज एक बार फिर सरकार पर हमला बोलते हुए कहा- प्रदेश में पिछले डेढ़ साल से सरकार नाम की कोई चीज नहीं है। प्रदेश ऐसे चल रहा है, जैसे यहां राष्ट्रपति शासन लगा हो। मंत्री और मुख्यमंत्री का रोल सरकार में दिख नहीं रहा है। हर वर्ग त्रस्त और परेशान हैं। भ्रष्टाचार चरम पर है, कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। किसान को समय पर खाद और बीज नहीं मिल रहे हैं। कृषि मंत्री कह रहे है कि पूरे देश में नकली खाद मिल रही हैं। ऐसा कहकर वो भारत सरकार और डबल इंजन की सरकार पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। नकली खाद गुजरात से आ रही है डोटासरा ने कहा- मैं कल कृषि मंत्री का बयान सुन रहा था। वो कह रहे थे कि जो नकली खाद और बीज हम पकड़ रहे हैं। वो सारा का सारा गुजरात से आ रहा है। यहीं गुजरात का मॉडल हैं, नकली खाद, तस्करी, अवैध शराब। यह मॉडल पूरे देश में लागू है। लेकिन उस पर कोई कार्रवाई हो नही रही है। प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज है ही नहीं। जब सीएम पिछले डेढ़ साल से हर विभाग की समीक्षा कर रहे हैं तो फिर इस समीक्षा में यह बातें क्यूं नहीं आई कि प्रदेश में नकली खाद और बीज बेचकर किसान को बर्बाद किया जा रहा है। कृषि मंत्री भी लेट जागे। डेढ़ साल बाद फसल बुवाई के समय में यह कहना कि मेरे यहां सभी अफसर मिले हुए हैं। इसलिए मुझे खुद जाकर औचक निरीक्षण करना पड़ रहा है तो यह भी सरकार पर प्रश्नवाचक प्रश्नचिन्ह लगता हैं। सीएम ने तय कर रखा है पर्ची आने पर ही बोलेंगे डोटासरा ने कहा- लेकिन मुख्य बात यह है कि यह कौन तय करेगा कि किसान को समय पर सही खाद और बीज मिले। इस पर ना तो मंत्री का बयान आ रहा है, न ही मुख्यमंत्री का बयान आ रहा है। कभी योग कर रहे है, कभी देव दर्शन यात्रा कर रहे है। कभी दिल्ली की हाजिरी लगा रहे हैं। कभी गुजरात जाकर प्रशिक्षण ले रहे है कि कैसे नफरत फैलाई जाए। हम लोग देख रहे है कि यह लोग नगर निकाय और पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव नहीं करवा पा रहे हैं। हम लोग लगातार इनसे सवाल पूछ रहे है। लेकिन सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आ रहा है। कभी मेरे पर छीटाकंशी करते है, कभी कांग्रेस के दूसरे नेता पर अनर्गल बयानबाजी करते हैं मैं समझता हूं कि सरकार को अब अपनी जवाबदेही से बचना नहीं चाहिए। कोई भी सवाल विपक्ष और जनता पूछती है तो उसका जवाब देना चाहिए। लेकिन पता नहीं मुख्यमंत्री ने तो तय कर रखा है कि दिल्ली से पर्ची आएगी तभी बोलूंगा नहीं तो नहीं बोलूंगा।