जम्भाणी यज्ञ और योग शिविर शुरू:प्राणायाम, सूर्य नमस्कार और ध्यान का कराया अभ्यास

जम्भाणी यज्ञ और योग शिविर शुरू:प्राणायाम, सूर्य नमस्कार और ध्यान का कराया अभ्यास
श्रीगंगानगर जिले के रावला मंडी के बिश्नोई मंदिर परिसर में आज जांभाणी यज्ञ योग व्यायाम प्रशिक्षण शिविर की शुरुआत हुई। यह शिविर धर्म, संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण को समर्पित है। इसमें रावला तहसील के विभिन्न गांवों से आए 85 विद्यार्थियों ने भाग लिया। शिविर 3 जून तक चलेगा। पहले दिन विद्यार्थियों का पंजीयन दिनेश बाबल और मांगीलाल भादू ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत सतपाल भादू ने शब्दवाणी अभ्यास से की। उन्होंने जांभोजी महाराज की वाणी के माध्यम से सत्य, सेवा और सहनशीलता के आदर्श बताए। उन्होंने कहा कि यज्ञ केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, यह वायुमंडल को शुद्ध करने वाली वैज्ञानिक प्रक्रिया है। योग गुरु सुभाष भादू ने एक घंटे तक योगाभ्यास कराया। इसमें प्राणायाम, सूर्य नमस्कार और ध्यान शामिल रहा। व्यायाम के बाद 30 मिनट का विश्राम हुआ। इस दौरान प्रतिभागियों को पौष्टिक नाश्ता दिया गया। बौद्धिक सत्र में नरसी ज्याणी और विनोद गिल्ला ने बिश्नोई धर्म के 29 नियमों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ये नियम जीवन को सात्विक, अनुशासित और पर्यावरण-अनुकूल बनाते हैं। इनमें हरे पेड़ों की रक्षा, जीव-जंतुओं की सेवा, प्राणियों की हत्या से बचाव, सत्य बोलना, नशा न करना, दैनिक यज्ञ करना, संयमित आहार लेना और जल, वायु व भूमि को शुद्ध रखना शामिल हैं। शिविर में प्रतिभागियों को वृक्षारोपण का संकल्प दिलाया गया। आयोजकों ने बताया कि शिविर की समाप्ति पर सभी विद्यार्थी अपने गांवों में पेड़ लगाएंगे और जीव-जंतुओं की रक्षा के लिए जनजागरण करेंगे। बिश्नोई समाज के इस धार्मिक और सांस्कृतिक प्रयास को स्थानीय लोगों का समर्थन मिल रहा है। आयोजकों का मानना है कि ऐसे शिविर नई पीढ़ी को जीवन मूल्यों, संस्कृति और प्रकृति से जोड़ने की दिशा में अहम कदम हैं।