चीन में सरकारी पैसे से शराब-सिगरेट नहीं खरीद पाएंगे अधिकारी:फिजूलखर्ची रोकने के लिए सरकार का आदेश, शराब कंपनियों के शेयर गिरे

चीन में सरकारी पैसे से शराब-सिगरेट नहीं खरीद पाएंगे अधिकारी:फिजूलखर्ची रोकने के लिए सरकार का आदेश, शराब कंपनियों के शेयर गिरे
चीन में सरकार ने अपने अधिकारियों को शराब और सिगरेट पर खर्च कम करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही ट्रैवल, फूड और ऑफिस की जगहों पर भी खर्च में कटौती करने को कहा है। चीन की शिन्हुआ न्यूज एजेंसी के मुताबिक राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सरकारी खर्च को कम करने के लिए ऑफिस में मंहगे भोजन, शराब और सिगरेट न परोसने का आदेश दिया है। इसके साथ ही सरकारी कार्यक्रम में भी भव्य फूलों की सजावट न करने को कहा गया है। आदेश में अधिकारियों से सरकारी संसाधनों का सावधानी से इस्तेमाल करने और फिजूलखर्ची को सख्ती से रोकने को कहा गया है। इसमें फिजूलखर्ची को शर्मनाक और बचत को सम्मानजनक बताया है। शराब बनाने वाली कंपनियों के शेयर में गिरावट सरकार के आदेश के बाद शराब बनाने वाली कंपनियों के शेयर में गिरावट आ गई है। 19 मई को, चीन को उपभोक्ता वस्तुओं के शेयरों में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। क्वेइचो माउताई कंपनी (मशहूर चीनी शराब निर्माता) और लुझोउ लाओजियाओ कंपनी के शेयर में 2.2% और 2.6% की गिरावट आई। चीन में जमीन की बिक्री से होने वाली प्रॉफिट में कमी आई है और लोकल गवर्नमेंट पर भारी कर्ज हो गया है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन की स्थानीय सरकारों पर करीब 9 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 770 लाख करोड़ रुपए) का कर्ज है। इससे पहले 2023 में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने करप्शन और अधिकारियों द्वारा किए जाने वाले दिखावे के खिलाफ मुहिम चलाई थी। जिसमें सरकार ने अधिकारियों को खर्च में कटौती की आदत डालने का निर्देश दिया था। ब्लूमबर्ग के मुताबिक, 2024 में बीजिंग ने स्थानीय सरकारों के कर्ज से जुड़े जोखिमों को कम करने के लिए एक अभियान शुरू किया था। जिससे डिफॉल्ट का खतरा कम हो और स्थानीय सरकारें आर्थिक विकास में मदद कर सकें। नया प्रोत्साहन पैकेज और उपभोक्ता खर्च पर जोर: ------------------- ये खबर भी पढ़ें... पाकिस्तान में चीन बना रहा दुनिया का पांचवां ऊंचा डैम:700 फीट ऊंचाई; पेशावर को हर दिन 30 करोड़ गैलन पानी सप्लाई होगी चीन ने पाकिस्तान में मोहमंद डैम के निर्माण को तेज करने की घोषणा की है, जो एक महत्वपूर्ण हाइड्रोपावर और वाटर सिक्योरिटी प्रोजेक्ट है। चीन ने यह कदम भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि को लेकर बढ़ते तनाव के बीच उठाया है। पूरी खबर पढ़ें...