चित्तौड़गढ़ में अचानक बदला मौसम:धूप से परेशान थे लोग, शाम को बारिश ने दी राहत लेकिन बढ़ा दी मुसीबत

चित्तौड़गढ़ में बुधवार को मौसम ने अचानक करवट ले ली। सुबह से ही तेज धूप और उमस ने लोगों को बेहाल कर रखा था। दिनभर चटक धूप के बीच उमस बढ़ती गई, जिससे गर्मी का असर और ज्यादा महसूस हुआ। लोग राहत की उम्मीद कर ही रहे थे कि दोपहर करीब 3 बजे आसमान में अचानक बादल छा गए। इसके बाद भी उमस कम नहीं हुई, बल्कि और बढ़ गई। शाम करीब 4 बजे मौसम ने पूरी तरह से रंग बदल लिया। तेज हवाएं चलने लगीं और देखते ही देखते झमाझम बारिश शुरू हो गई। बारिश इतनी तेज थी कि कुछ ही मिनटों में सड़कें पानी से भर गईं। तेज हवा और बारिश के कारण कई जगहों पर बड़े-बड़े पेड़ उखड़कर गिर गए। इससे कई इलाकों में बिजली के पोल भी टूट गए और पूरे शहर की लाइट गुल हो गई। बारिश और हवा की ताकत इतनी ज्यादा थी कि लोगों को बाहर निकलना मुश्किल हो गया। दुकानदारों ने जल्दी-जल्दी अपनी दुकानें समेटीं और लोग सुरक्षित स्थानों की ओर भागे। आधे घंटे में लगभग 15 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जिससे तापमान में थोड़ी गिरावट आई। मंगलवार को अधिकतम तापमान 42.8 डिग्री सेल्सियस था, जो बुधवार को घटकर 41.7 डिग्री रह गया। हालांकि, उमस के कारण लोगों को ज्यादा राहत महसूस नहीं हुई। मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि चित्तौड़गढ़ में पूर्वी हवाओं का ट्रफ (दबाव की रेखा) बना हुआ है, जिसके कारण यह मौसम में अचानक बदलाव आया है। विभाग ने अगले दो से तीन दिनों तक जिले में तेज बारिश और आंधी की संभावना जताई है और अलर्ट भी जारी कर दिया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे बिना जरूरत घर से बाहर न निकलें, खुले स्थानों और पेड़ों के नीचे खड़े होने से बचें। साथ ही बिजली के टूटे हुए तारों या पोल से दूर रहें। गौरतलब है कि इस बार मई के अंतिम हफ्ते में गर्मी और उमस के साथ तेज बारिश का यह पहला जोरदार दौर था। जहां एक ओर लोगों को चिलचिलाती गर्मी से थोड़ी राहत मिली, वहीं पेड़ गिरने और बिजली गुल होने से कई परेशानियां भी खड़ी हो गईं। अब सभी की नजरें मौसम विभाग की अगली चेतावनी और बारिश की स्थिति पर टिकी हैं। किसान वर्ग के लिए यह बारिश लाभकारी हो सकती है, लेकिन शहरवासियों को फिलहाल कुछ सावधानी बरतने की ज़रूरत है।