कोटा में आर्मी एरिया में ड्रोन हमले की मॉकड्रिल:रेस्क्यू कर 20 घायलों को बचाया; ब्लैकआउट में पसरा अंधेरा

कोटा में आर्मी एरिया में ड्रोन हमले की मॉकड्रिल:रेस्क्यू कर 20 घायलों को बचाया; ब्लैकआउट में पसरा अंधेरा
ऑपरेशन शील्ड के तहत शनिवार को कोटा के आर्मी एरिया में ड्रोन हमले की मॉकड्रिल की गई। सायरन बजते ही सिविल डिफेंस, जिला प्रशासन, एसडीआरएफ और फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर पहुंच गईं। काल्पनिक हमले में घायल हुए 20 लोगों को तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया। मौके पर 11 दमकल वाहन और 20 एम्बुलेंस तैनात की गईं। कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी ने बताया कि मॉकड्रिल स्टेशन के आर्मी इलाके के हल्दीघाटी गेट पर स्थित सरकारी क्वार्टर पर की गई। इसका मुख्य उद्देश्य आपातकालीन सेवाओं की तत्परता की जांच करना था। सभी विभागों के अधिकारी और कर्मचारी 10 से 15 मिनट के भीतर मौके पर पहुंच गए। एसपी अमृता दुहन ने बताया कि 7 मई की मॉकड्रिल में जो कमियां थीं, उन्हें इस बार दूर कर लिया गया। सभी विभागों की तैयारी बेहतर थी। उन्होंने कहा कि नियमित मॉकड्रिल से दक्षता में और सुधार आएगा। नागरिक सुरक्षा की दृष्टि से रात 8 बजे शहर के कुछ हिस्सों में ब्लैकआउट किया गया, जिसमें करीब 15 मिनट तक अंधेरा रहा। मॉकड्रिल से जुड़ी फोटोज... शाम 5 बजे आर्मी एरिया में मॉक ड्रिल की गई। इसमें एक साथ कई ड्रोन से हमले की सूचना आपदा प्रबंधन नियंत्रण कक्ष में मिलते ही सिविल डिफेंस, फायर ब्रिगेड, मेडिकल टीमों एवं एम्बुलेंस के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की गाड़ियों ने आग बुझाने का काम शुरू किया। वहीं सिविल डिफेंस की टीमें राहत एवं बचाव कार्यों में जुट गई। पहली मंजिल पर फंसे लोगों को बाहर निकालने का काम शुरू हुआ। सिविल डिफेंस कर्मियों ने हमले वाली जगह पर एक अस्थाई हॉस्पिटल तैयार किया। वहां सिविल डिफेंस कर्मियों की मदद के लिए पहुंचे डॉक्टर्स की टीम घायलों के तुरंत उपचार में जुट गई। गंभीर घायलों को एम्बुलेंस से सीधे हॉस्पिटल पहुंचाया गया। मॉक ड्रिल के दौरान घायलों को 3 श्रेणियों में बांटा गया। पहली श्रेणी में आग में झुलसे लोग, दूसरी श्रेणी में अत्यन्त गंभीर व तीसरी श्रेणी में सामान्य रूप से घायल लोगों को रखा गया। मॉक ड्रिल में 11 फायर ब्रिगेड व 10 एम्बुलेंस की मदद से राहत एवं बचाव कार्य चलाए गए। मॉक ड्रिल में एडीएम प्रशासन मुकेश चौधरी, एडीएम सीलिंग कृष्णा शुक्ला, सिविल डिफेंस के अधिकारी, नगर निगम दक्षिण आयुक्त अनुराग भार्गव, फायर ऑफिसर एवं आपदा व राहत से जुड़े पुलिस व प्रशासन के अधिकारी शामिल हुए।