'ऑपरेशन शील्ड' के नाम से होगा मॉक ड्रिल:एयरस्ट्राइक से बचने का होगा अभ्यास, बजेंगे सायरन

केंद्र सरकार के निर्देश के बाद जैसलमेर में कल (29 मई को) फिर मॉक ड्रिल होगी। शाम 5 बजे मॉक ड्रिल के दौरान सायरन बजेंगे। इसके साथ ही इमरजेंसी व्यवस्थाओं को भी जांचा जाएगा। इस मॉक ड्रिल का नाम ऑपरेशन शील्ड रखा गया है। गौरतलब है कि गृह विभाग ने सभी जिलों को मॉकड्रिल के निर्देश दिए हैं। सिविल डिफेंस ने मॉक ड्रिल की तैयारियां शुरू कर दी हैं। बताया जा रहा है कि सात मई की मॉक ड्रिल में खामियां रह गई थीं, इसलिए नए सिरे से मॉक ड्रिल करवाई जा रही है। जैसलमेर कलेक्टर प्रताप सिंह ने बताया- गुरुवार को जैसलमेर में मॉक ड्रिल होगी। इसको लेकर निर्देश मिले हैं। इससे पहले 7 मई को भी जैसलमेर में हवाई हमलों से बचने के लिए मॉक ड्रिल की गई थी और हवाई हमलों की चेतावनी के सायरन बजाकर लोगों को आगाह किया गया था। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने वीसी के जरिए सीमावर्ती जिलों के कलेक्टरों से चर्चा की। केंद्र सरकार के मॉक ड्रिल के निर्देशों के बाद सीएम की सीमावर्ती जिलों के कलेक्टरों से चर्चा को अहम माना जा रहा है। मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट एक्सरसाइज क्या है मॉक ड्रिल यानी एक तरह की "प्रैक्टिस" जिसमें हम यह देखते हैं कि अगर कोई इमरजेंसी (जैसे एयर स्ट्राइक या बम हमला) हो जाए, तो आम लोग और प्रशासन कैसे और कितनी जल्दी रिएक्ट करता है। ब्लैकआउट एक्सरसाइज का मतलब है कि एक तय समय के लिए पूरे इलाके की लाइटें बंद कर देना। इसका मकसद यह दिखाना होता है कि अगर दुश्मन देश हमला करे, तो इलाके को अंधेरे में कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है। इससे दुश्मन को निशाना साधने में मुश्किल होती है।