इजराइल में हनुमानजी की तस्वीर लेकर बंकर में छिपे:लखनऊ से गए कामगार बोले- मिसाइल अटैक से 5 मिनट पहले आता है मैसेज

इजराइल में हनुमानजी की तस्वीर लेकर बंकर में छिपे:लखनऊ से गए कामगार बोले- मिसाइल अटैक से 5 मिनट पहले आता है मैसेज
'हमला होने से 10 मिनट पहले मोबाइल पर अलर्ट का मैसेज आ जाता है। 5 मिनट पहले तेज सायरन बजने लगता है। सायरन की आवाज सुनते ही दिल की धड़कनें तेज हो जाती हैं। चारों ओर भाग दौड़ शुरू हो जाती है। हम लोग फौरन बंकर में छिप जाते हैं। यहां पर लोगों के घर, फैक्ट्री, ऑफिस हर जगह बंकर बने हुए हैं।' यह कहना है लखनऊ के मलिहाबाद के रहने वाले राम सिंह का। वो इजराइल में वेल्डिंग का काम करते हैं। दैनिक भास्कर ने उनसे वीडियो कॉल पर बात की। वहां के हालात बताते हुए राम सिंह कहते हैं- बंकर बेहद मजबूत हैं। सायरन बजने के बाद मिसाइलों और विस्फोटों के धमाकों की तेज आवाजें आती हैं। देर तक गूंजती रहती हैं। हम जिस बंकर में रहते हैं, उसमें हनुमान जी की तस्वीर लगा रखी है। वही हमारी रक्षा करते हैं। इजराइल और ईरान के बीच संघर्ष बढ़ता जा रहा है। दोनों ही देश एक-दूसरे पर हमले कर रहे हैं। बड़ी संख्या में भारतीय कामगार इजराइल में मौजूद हैं। इनमें से कुछ लोगों ने दैनिक भास्कर से वीडियो कॉल पर बातचीत की और वीडियो भेजे। पढ़िए पूरी रिपोर्ट... 11 महीने से इजराइल में रह रहे, विस्फोट सुनने की आदत हो गई मलिहाबाद के राम सिंह बताते हैं कि वह जुलाई 2024 में इजराइल पहुंचे थे। उस समय भी हालात ठीक नहीं थे। लेबनान और ईरान से संघर्ष चल रहा था। फिलस्तीन से लंबे समय से लड़ाई जारी है। शुरुआत में मिसाइल और विस्फोट की आवाज सुनकर हम लोग बहुत ज्यादा डर जाते थे। मगर अब रहते-रहते इन सब चीजों की आदत हो गई है। 11 जून से स्थिति बहुत ज्यादा खराब हो गई, जब इजराइल ने ईरान पर हमला किया। पहली बार जब हमला हुआ, तो 2 घंटे पहले हम सभी लोगों के मोबाइल पर अलर्ट का मैसेज आया था, फिर धमाकों के साथ विस्फोट होने लगे। सायरन बजने के बाद बचने के लिए सिर्फ 5 मिनट राम सिंह बताते हैं कि जब से हम लोग इजराइल आए हैं, अटैक होते रहते हैं। यह दिनचर्या में शामिल हो गया है। सायरन बजने के बाद बचने के लिए बस 5 मिनट का समय होता है। इसी बीच बंकर के अंदर छिपना होता है। हम लोग हमेशा बंकर के आसपास ही रहते हैं। सायरन बजते ही तुरंत अंदर घुस जाते हैं। हर घर के नीचे एक बंकर जरूर होता है। बंकर में पूरी सुविधा होती है। उसमें बेडरूम, किचन, वॉशरूम खाने-पीने की व्यवस्था होती है। हम लोग बंकर में एक सप्ताह का राशन भर कर रखते हैं। आयरन डोम हवा में मिसाइल को खत्म कर देता है राम सिंह ने कहा कि कई बार हम बाजार में होते हैं। वहां पर कोई बंकर नहीं मिलता है। उसी समय हमला हो जाता है। हम लोग आसमान से मिसाइल को अपनी तरफ आते देखकर कांप जाते हैं। यह बहुत दर्दनाक मंजर होता है। मगर इजराइल की सुरक्षा व्यवस्था बहुत मजबूत है। आयरन डोम बहुत एक्टिव रहता है। अधिकतर मिसाइलों को आसमान में ही मार गिरा देता है, जिससे हम सुरक्षित बच जाते हैं। 100 में से 95 मिसाइल को आयरन डोम हवा में नेस्तनाबूत कर देता है। हमले की खबरें सुनकर लखनऊ में परिवार चिंतित राम सिंह बताते हैं कि इजराइल पर चौतरफा हमले हुए। अब इन चीजों की आदत सी हो गई है। हम लोग लगातार परिवार से जुड़े हुए हैं, मगर उन्हें पूरी सच्चाई नहीं बताते। अगर वे सुन लेते हैं तो चिंतित हो जाते हैं, मगर फिर भी जब न्यूज चैनल के माध्यम से उन्हें खबरें मिलती हैं तो परिवार वाले बहुत परेशान होते हैं। वापस बुलाने की बात करते हैं। नौकरी की वजह से जान जोखिम में डाल रहे राम सिंह से जब पूछा गया कि चारों तरफ से हमले हो रहे हैं फिर भी इजराइल में क्यों रुके हैं? इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि पहली बात कि हमें यहां पैकेज बहुत अच्छा मिल रहा है। पैसे और रोजी-रोटी की वजह से रिस्क ले रहे हैं। इसके अलावा इजराइल की सुरक्षा-व्यवस्था बहुत कड़ी है। अधिकतर हमले को वह हवा में ही नाकाम कर देते हैं। रात 8 से सुबह 5 बजे तक होते हैं हमले लखनऊ के इंदिरानगर निवासी सुनील कुमार बताते हैं कि इजराइल में करीब 1 साल से रह रहे हैं। युद्ध जैसे हालात में भी हम लोग यहां काम कर रहे हैं। इसकी वजह परिवार और रोजगार है। उन्होंने बताया कि दिन में स्थिति सामान्य रहती है। रात 8 बजते ही हमले शुरू हो जाते हैं। यह सुबह 5 बजे तक जारी रहता है। ये 9 घंटे बहुत मुश्किल से गुजरते हैं। हमें अपने आप को सुरक्षित रखना होता है। ----------------------- संबंधित खबर भी पढ़िए... ईरान में गिरती मिसाइलों के बीच फंसे 1000 यूपी वाले:लोग बोले- फ्लाइटें बंद, पैसे खत्म हुए; सरकार किसी भी तरह यहां से निकालो 'हमने इजराइल के ड्रोन हमले को महसूस किया है। फ्लाइट रद्द होने से यहीं फंसे हुए हैं। आने वाले दिनों में क्या होगा यह नहीं जानते। किसी तरह यहां से निकलकर अपने देश आ जाएं बस।' यह कहना है ईरान में रुके... पूरी खबर पढ़ें