जयपुर में 9 पार्षदों पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार!:यूडीएच मंत्री खर्रा बोले- हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद जल्द होगी कार्रवाई

जयपुर में नगर निगम में मेयर मुनेश गुर्जर को पद से हटाने के बाद अब सरकार पूर्व मेयर, डिप्टी मेयर समेत 9 पार्षदों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी में है। यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि वे जल्द ही गृहराज्य मंत्री जवाहर सिंह से मुलाकात कर आरोपियों की गिरफ्तारी की कार्रवाई को अंजाम देंगे। क्या है पूरा मामला:जयपुर नगर निगम हेरिटेज के पूर्व एडिशनल कमिश्नर राजेंद्र वर्मा ने जून 2023 में माणक चौक थाने में FIR दर्ज कराई थी। शिकायत में तत्कालीन मेयर, उनके पति, डिप्टी मेयर और पार्षदों पर बंधक बनाने, अपशब्द कहने और धमकाने के आरोप लगाए थे। मामले में राज कार्य में बाधा, जबरन फाइलों पर साइन कराने और जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल कर प्रताड़ित करने का मामला दर्ज हुआ था। धरने से शुरू हुआ विवाद:विवाद की शुरुआत जून 2023 में हुई, जब एडिशनल कमिश्नर के निलंबन की मांग को लेकर तत्कालीन मेयर मुनेश गुर्जर पार्षदों के साथ धरने पर बैठी थीं। अस्थाई सफाई कर्मचारियों की फाइल पर साइन करने को लेकर विवाद बढ़ा। हालांकि प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के हस्तक्षेप से धरना समाप्त हुआ, लेकिन मामला थाने पहुंच गया। किन पर दर्ज हुई FIR:एडिशनल कमिश्नर ने मेयर मुनेश गुर्जर, उपमहापौर अस्लम फारुखी, पार्षद उमर दराज, नीरज अग्रवाल, शफीक कुरैशी, सुनिता मावर, राबिया गुडएज, अंजलि ब्रह्मभट्ट, फरीद कुरैशी, पार्षद पति मोहम्मद अख्तर, आयशा सिद्दीकी, पार्षद पति फूलचंद, पार्षद पुत्र शाकिर, तत्कालीन महापौर के पति सुशील गुर्जर और बसंत असवाल के खिलाफ FIR दर्ज कराई। अब क्या होगा: पार्षदों ने FIR रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे अस्वीकार कर दिया गया। यूडीएच मंत्री खर्रा ने कहा कि जल्द ही दोषियों की गिरफ्तारी होगी। इसके साथ ही विभागीय स्तर पर जांच कर नगर पालिका कानून के तहत भी कार्रवाई की जाएगी।