कर्नाटक में अपनी सड़कें खुद बना रहे लोग:6 जिलों में 7 जगह रोड तैयार; सालों से खराब सड़कें एक-दो हफ्ते में बन रहीं

कर्नाटक में बदलाव की एक अलग लहर चली है। खराब सड़कों की शिकायत करते-करते थक चुके लोग खुद ही अपने यहां की सड़कें बनाने लगे हैं। इसके लिए वे आपस में चंदा और श्रमदान कर रहे हैं। नतीजा, जिन खराब सड़कों की सालों से सरकार से शिकायत कर रहे थे, वे एक दिन में दुरुस्त हो रही हैं। जैसे चिकमंगलूर जिले के श्रुंगी के पास भारतीयनूर और बनशंकरी के लोगों ने 15.75 लाख रुपए इकट्ठे कर 286 मीटर लंबी सड़क खुद ही बना डाली। हासन जिले के मत्स्यशाला गांव में एक शख्स ने 4 ट्रक ईंट-पत्थर दान किया। इसके बाद गांव वालों ने चंदा किया और श्रमदान कर सड़क बना दी। गांव के पंडियन डी कहते हैं- हम अपने नेताओं पर शर्मिंदा हैं। राज्य के छह जिलों के सात गांवों में लोगों ने अपने स्तर पर ही सड़कें बना दी हैं। इनमें गडग, धारवाड़, शिवमोग्गा, कोडागु, कोप्पल और हासन जिले शामिल हैं। इनमें भी सरकारी सिस्टम से परेशान आम लोगों ने खुद ही सड़क बनाने की पहल की है। पीपल्स रोड के संस्थापक स्वप्नील बंडी ने कहा;- हम पूरे देश में हर राज्य भर में ऐसी मुहिम चलाना चाहते हैं ताकि सरकारी सिस्टम को ठोस जिम्मेदारी का अहसास हो सके। अब तक 286 गांवों ने हमसे संपर्क किया है। अब उन जिलों की कहने पढ़िए, जहां सड़कें बनाई गईं.... 1. कोप्पल...सालों से गड्ढों वाली सड़क गांव वालों ने बना दी
कोप्पल जिले के सोमापुरा में कोंदी गांव की डेढ़ किलोमीटर सड़क पर गड्ढे थे। गांव में सड़क की हालत ऐसी थी कि टू-व्हीलर और छोटी गाड़ियों तक नहीं चल पा रही थीं। लोगों ने आपसी भागीदारी से खुद के पैसे और श्रम से पूरी सड़क तैयार कर दी। 2. शिवमोग्गा... बस फंसी तो सड़क बना डाली
शिवमोग्गा जिले के होलेकेरे गांव को जाने वाली टेरी सड़क पर स्कूल बस फंस गई। बड़ी मुश्किल से बच्चों को निकाला गया। गांव वालों ने मिलकर करीब 50 हजार रुपए जुटाए और 10 दिन में 2 किलोमीटर लंबी सड़क बना दी। 3. धारवाड़... स्कूल के बच्चों ने बनाई सड़क
धारवाड़ जिले के अरसनकोल गांव में स्कूल के बच्चों ने टूटी सड़क रिपेयर कर डाली। सड़क में गड्ढे थे, टूटे हिस्सों को बच्चों ने खुद ही मिट्टी और पत्थरों से भर दिया। ताकि स्कूल पहुंचने में दिक्कत न हो। गांव वालों ने फिर उसी जगह पक्की सड़क बनवाई। 4. कोडागु... ऑटो वालों ने सारे गड्ढे भर दिए
कर्नाटक के कोडागु जिले के गोणिकोप्पा में ऑटो वालों ने टूटी सड़कों के गड्ढे भर दिए। आरामनगर से बस स्टॉप तक करीब 2 किलोमीटर तक सड़क खराब थी। रोज बस पकड़ने वालों की परेशानी देखते हुए ऑटो वालों ने कई बार रिपेयर करवाई। 5. गडग... हर रविवार श्रमदान से सड़क बनी
कर्नाटक के गडग जिले के मुगलीगुंडा गांव की सिरसिद्ध रोड जैसी कई सड़कें खुद बन रही हैं। गांव वालों ने हर रविवार को श्रमदान शुरू किया। धीरे-धीरे लोग जुड़ते गए और अब 2 किलोमीटर से ज्यादा सड़क बन गई है। ------------------------------------------------ ये खबर भी पढ़ें... पॉजिटिव स्टोरी- MBA वाला बेच रहा आटा, दाल-चावल, 12 करोड़ का बिजनेस ‘2018-19 का साल था। मैं दिल्ली से सटे गुड़गांव की एक कंपनी में जॉब कर रहा था। सालाना 28 लाख का पैकेज था। एक रोज अचानक मन बना लिया कि अब नौकरी नहीं करनी। अपने शहर लौटना है। पूरी खबर पढ़ें...