PM मोदी क्रोएशिया के लिए रवाना:किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला दौरा; दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर मुहर लग सकती है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कनाडा से क्रोएशिया के लिए रवाना हो चुके हैं। वे बुधवार शाम 2 दिन की यात्रा पर क्रोएशिया पहुंचेंगे। यह PM की 3 देशों में 5 दिन की यात्रा का आखिरी पड़ाव है। पहली बार कोई भारतीय प्रधानमंत्री क्रोएशिया की यात्रा कर रहा है। इस दौरान PM मोदी क्रोएशिया के प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेंकोविच से द्विपक्षीय बातचीत करेंगे और राष्ट्रपति जोरोन मिलानोविच से भी मुलाकात करेंगे। यह यात्रा भारत और क्रोएशिया के बीच संबंधों को मजबूत करने के साथ-साथ यूरोपीय संघ के देशों के साथ भारत की साझेदारी को और मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है। पीएम मोदी की यह यात्रा इस बात का संकेत है कि भारत यूरोप के साथ अपने रिश्तों को और आगे बढ़ाना चाहता है। रविवार को शुरू हुए PM के दौरे के पहले दिन वह साइप्रस के दो दिन के दौरे पर पहुंचे थे। PM सोमवार को यहां से G7 समिट में हिस्सा लेने के लिए कनाडा गए। जहां उन्होंने मंगलवार को सम्मेलन में हिस्सा लिया। क्रोएशिया 1991 में बगावत कर अलग हुआ था क्रोएशिया ने 25 जून 1991 को आधिकारिक रूप से युगोस्लाविया से अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की। इससे पहले, यह देश सोशलिस्ट फेडरल रिपब्लिक ऑफ युगोस्लाविया का हिस्सा था, जिसमें कुल छह गणराज्य शामिल थे। 1990 में क्रोएशिया में बहुदलीय चुनाव हुए और राष्ट्रवादी नेता फ्रांजो तुजमान की पार्टी सत्ता में आई। लोगों में स्वतंत्रता की भावना तेज हुई और जून 1991 में संसद ने स्वतंत्रता की घोषणा कर दी। लेकिन युगोस्लाव सरकार और वहां की सेना ने इसका विरोध किया, जिससे क्रोएशिया युद्ध शुरू हुआ। यह युद्ध करीब चार साल (1991-1995) तक चला, जिसमें हजारों लोग मारे गए और लाखों बेघर हुए। संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ के दबाव और मध्यस्थता से शांति स्थापित हुई। क्रोएशिया को 15 जनवरी 1992 को यूरोपीय देशों द्वारा औपचारिक मान्यता मिली और बाद में संयुक्त राष्ट्र ने भी उसे सदस्यता दी। क्रोएशिया के बारे में 6 रोचक तथ्य PM मोदी की क्रोएशिया यात्रा के मायने पहला पड़ाव, 15-16 जूनः मोदी का साइप्रस दौरा साइप्रस ने सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी को देश के सर्वोच्च सम्मान 'ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III' से नवाजा। राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस ने राष्ट्रपति भवन में उन्हें यह सम्मान दिया। मोदी दो दिन के दौरे पर साइप्रस पहुंचे थे। मोदी ने कहा, 'मैं साइप्रस सरकार का और साइप्रस के लोगों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। यह सिर्फ नरेंद्र मोदी का ही नहीं बल्कि 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है। यह उनकी क्षमताओं और आकांक्षाओं का सम्मान है। यह हमारी संस्कृति, भाईचारे और वसुधैव कुटुम्बकम की विचारधारा का सम्मान है।' मोदी ने साइप्रस राष्ट्रपति को कश्मीरी कालीन भेंट की मोदी ने राष्ट्रपति क्रिस्टोडुलाइड्स को कश्मीरी रेशमी कालीन भेंट की। यह गहरे लाल रंग में है, जिसमें भूरे और लाल किनारे हैं। पारंपरिक बेल-बूटों और ज्यामितीय आकृतियों की कलाकारी है। इसमें दोहरे रंग का खास प्रभाव है, जो देखने के कोण और रोशनी के अनुसार रंग बदलता लगता है। मानो एक कालीन में दो अलग-अलग डिजाइन हों। पीएम ने साइप्रस की प्रथम महिला फिलिपा कारसेरा को एक सिल्वर कोटेट पर्स दिया। इसे आंध्र प्रदेश के कारीगरों ने बनाया है। इस पर मंदिरों और शाही कला से प्रेरित बारीक पुष्प डिजाइन उकेरे गए हैं। दूसरा पड़ाव,17 जूनः PM मोदी कनाडा पहुंचे, G7 समिट में हिस्सा लिया PM मोदी मंगलवार सुबह कैलेगरी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचे, जहां G7 आउटरीच समिट में नेताओं का स्वागत किया। G7 समिट के दौरान PM द्विपक्षीय मुलाकात और G7 आउटरीच समिट सेशन में शामिल हुए। फिर 18 जून की सुबह क्रोएशिया के लिए रवाना हो गए। ---------------------------------- ये खबर भी पढ़ें... ट्रम्प से डील के पन्ने गिरे, ब्रिटिश PM ने उठाए:अमेरिकी राष्ट्रपति कनाडा का फ्लैग कोट पर लगाकर पहुंचे; मेलोनी हुईं शॉक्ड, PHOTOS में G7 समिट कनाडा के अल्बर्टा प्रांत के कननास्किस में G7 समिट की शुरुआत हो गई है। पहले दिन वन-टु-वन बातचीत, राउंड टेबल मीटिंग और फैमिली फोटो सेशन हुआ। एक मीटिंग में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की बात पर इटली की PM मेलोनी का शॉकिंग रिएक्शन देखने को मिला। डोनाल्ड ट्रम्प से ब्रिटेन के साथ हुई बिजनेस डील की फाइल के पन्ने जमीन पर गिर गए, जिन्हें ब्रिटिश PM ने उठाया। पूरी खबर पढ़ें...