पाकिस्तान की ISI ने भारतीय नंबर से किए कॉल:ऑपरेशन सिंदूर के दौरान खुद को भारतीय सेना का अफसर बता सीक्रेट जानकारी जुटाने की साजिश

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI PIO यानी पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव के जरिए भारतीय सेना से जुड़ी जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही थी। यह सब राजस्थान की अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे जिलों में हो रहा था। PIO तकनीक का सहारा लेकर ऐसे ऐप के थ्रू कॉल करते, जिसमें पाकिस्तान के नंबर से कॉलिंग होती और जिसके नंबर पर कॉल आता उसे वह नंबर इंडियन दिखता। कॉल करने वाले लोग खुद को भारतीय सेना से जुड़ा अधिकारी बताकर सैन्य कार्रवाई की संवेदनशील जानकारी हासिल करने की कोशिश कर रहे थे। हालांकि पाकिस्तान की ये साजिश कामयाब नहीं हो पाई। भारत सरकार ने अलर्ट जारी कर लोगों को समय रहते अवेयर कर दिया था। स्टेशन पर कितनी ट्रेन है, कितनी भीड़ जैसी जानकारी जुटाने की कोशिश
तनाव के बीच PIO सीमा के नजदीक के रेलवे स्टेशन पर कॉल कर ट्रेनों की जानकारी, स्टेशन पर आम जनता की जानकारी के लिए कॉल कर रहे थे। स्टेशन के अलावा कलेक्टर ऑफिस, पोस्ट ऑफिस व अन्य सरकारी कार्यालयों में भी कॉल आ रहे थे। बीएसएफ लगातार ऐसे कॉल को अटैंड नहीं करने के लिए अवेयर कर रही थी। हमले के दूसरे दिन नजर आने लगी गतिविधियां
आतंकी हमले के दूसरे दिन ही पाकिस्तान की सेना एक्टिव हो गई थी। जैसलमेर से 100 किलाेमीटर दूर पाकिस्तान के एक ठिकाने पर वहां के जनरल ने मीटिंग की। सेना की टुकड़ियों को फॉरवर्ड एरिया पर तैनात कर दिया। जब भारत की ओर से पाकिस्तान पर सिंधू जल समझौता सहित कड़े प्रतिबंध लगाए गए, उसके बाद पाकिस्तान की सेना की कुछ टुकड़ियां अंतरराष्ट्रीय सीमा के दो से तीन किलोमीटर दूरी पर रेंजर्स पोस्ट पर तैनात थीं। सीमा सुरक्षा बल राजस्थान फ्रंटियर आईजी एमएल गर्ग ने बताया कि सीमा सुरक्षा बल, आर्मी व एयरफोर्स के साथ अपनी जगह पर डटा रहा। बीएसएफ की हर जानकारी ने इस ऑपरेशन को सफल बनाने में मुख्य रोल निभाया। सीमा से दो किलोमीटर दूर थे पाकिस्तानी सैनिक
इंटरनेशनल बॉर्डर से दो किलोमीटर दूरी पर पाकिस्तान की सीमा पर रेंजर्स की पोस्ट पर पाकिस्तानी सेना के ट्रुप की तैनाती थी। उससे आठ किलोमीटर आगे पूरी सेना टेंट लगा कर टैंकरों के साथ तैनात थी। आतंकी ठिकानों को डिस्ट्रॉय करने से पहले ही पाकिस्तान की आर्टलरी, टैंक, मैकेनाइज्ड इंन्फ्रेंट्री, सेमी एक्टिव मुजाहिदीन बटालियन के साथ स्पेशल फोर्सेज ने बॉर्डर पर मोर्चा संभाल लिया था। जैसलमेर के पास पन्नो अकील में की मीटिंग
पहलगांव अटैक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा पर कैबिनेट समिति सीसीएस की बैठक ली थी। इस बैठक में सिंधू जल समझौता रद्द करने, अटारी बॉर्डर बंद करने जैसे कड़े निर्णय लिए गए थे। उसी दिन पाकिस्तान के जनरल ने जैसलमेर के नजदीक पाकिस्तान के पन्नो अकील में मीटिंग की। पन्नो अकील, पाकिस्तान के सिंध प्रांत में सुक्कुर जिले की एक तहसील है जो जैसलमेर से सौ किलोमीटर दूरी पर है। यहां मीटिंग के बाद से ही सेना की हरकत शुरू हो गई। सपोर्ट वेपन, एरिया वेपन, टैंक आर्टिलरी फॉरवर्ड एरिया में मूव करवाना शुरू कर दिया। दो किलोमीटर व तीन किलोमीटर की दूरी पर सेना की कुछ टुकड़ियां पहुंच चुकी थीं। 600 से अधिक ड्रोन मार गिराए
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आतंकी ठिकानों को तबाह करने के बाद पाकिस्तान ने सीमा सुरक्षा बल राजस्थान फ्रंटियर के अधीन अंतरराष्ट्रीय सीमा की ओर 413 ड्रोन भेजकर सैन्य ठिकानों पर हमला करने की नाकाम कोशिश की। गुजरात फ्रंटियर के अधीन बाड़मेर की सीमा में भी 200 से अधिक ड्रोन पाकिस्तान से आए थे। ऐसे में पश्चिमी राजस्थान में श्रीगंगानगर के हिंदूमल कोट से लेकर बाड़मेर के बाखासर तक की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान ने कुल 600 से अधिक ड्रोन से हमला किया था। जिसे भारतीय सेना के एयर डिफेंस सिस्टम ने मार गिराया। ड्रोन के मूवमेंट बीएसएफ ने पहले देखे
आईजी ने बताया कि बीएसएफ के जवान 365 दिन 24x7 बॉर्डर पर तैनात रहते हैं। ऑपरेशन सिंदूर के समय भी बीएसएफ के जवान दुश्मन पर नजर बनाए हुए थे। यहां तक की हमारी महिला जवान सीमा भवानी भी बॉर्डर पर तैनात रही। सीजफायर के बाद पाकिस्तान की ओर जो सेना डिप्लॉएड थी, वह कम हो गई है। आईजी ने बताया कि हालांकि अभी भी पाकिस्तान की सीमा पर उनकी आर्मी डिप्लॉएड है, लेकिन संख्या कम है।