चेयरमैन-अफसर-ठेकाकर्मी का भ्रष्टजोड़:48 लाख रुपए का रीसाइकलेबल कचरा; ठेका 7 लाख में दिया, पैसा लिया नहीं, ब्लैक लिस्ट होने के बाद भी काम कर रहा ठेकेदार

चेयरमैन-अफसर-ठेकाकर्मी का भ्रष्टजोड़:48 लाख रुपए का रीसाइकलेबल कचरा; ठेका 7 लाख में दिया, पैसा लिया नहीं, ब्लैक लिस्ट होने के बाद भी काम कर रहा ठेकेदार
ग्रेटर निगम में कचरा बीनने के नाम पर हर साल करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार हो रहा है। यह पूरा खेल रीसाइकलेबल कचरा बीनने के नाम पर चल रहा है। भास्कर ने इसकी पड़ताल की तो सामने आया कि पहले तो कम रेट पर इसका ठेका दिया गया, जिसे ठेकेदार को हर माह जमा करवाना था, लेकिन राशि जमा नहीं करवाई। दबाव पड़ा तो निगम ने उसे ब्लैक लिस्ट कर दिया, लेकिन उसके कर्मचारी अब भी कचरा ट्रांसफर स्टेशनों पर तंबू बनाकर प्लास्टिक, बोतलें, एल्युमिनियम और इलेक्ट्रॉनिक्स आयटम की छटाई कर रहे हैं। चौंकाने वाली बात तो यह है कि इसकी निगरानी के लिए गैराज चेयरमैन, तीन सफाई चेयरमैन और निगम अफसर के जिम्मे है। इसके बावजूद ठेकाकर्मी बिना रोक-टोक कचरा ट्रांसफर स्टेशन में आ-जा रहे हैं। बता दें कि ग्रेटर निगम के कचरा ट्रांसफर स्टेशन से हर माह करीब 48 लाख रुपए का रीसाइकलेबल कचरा निकलता है। दरअसल, ग्रेटर निगम हर साल कचरा ट्रांसफर स्टेशन से कचरा बीनने का ठेका देती है। पहले यह ठेका 8.11 लाख महीने में दिया था। पिछले साल फरवरी में वाल्मीकि समाज की एक फर्म ने निगम को 9 लाख रुपए हर माह देने का ऑफर दिया। लेटर में यह भी वादा किया कि इस कार्य से जो भी मुनाफा होगा उसका 25% वाल्मीकि समाज के बच्चों की पढ़ाई पर खर्च करेगी, लेकिन निगम ने उसकी बजाए 7 लाख रुपए हर माह का ऑफर देने वाली फर्म को काम सौंप दिया। यानी चलाकर 2 लाख रुपए महीने के घाटे का सौदा किया। इसके बावजूद फर्म ने एक भी माह पैसा नहीं दिया। निगम नोटिस देता रहा। बाद में ब्लैक लिस्ट किया पर लगातार कचरा उठाया जा रहा है। ये है कमाई का पूरा गणित फरवरी-2024 में तीन साल के लिए दिया था ठेका निगम की गैराज शाखा ने फरवरी 2024 में ‘क्लीन वर्ल्ड ग्रीन वर्ल्ड’ फर्म को 7 स्थायी-अस्थायी कचरा ट्रांसफर स्टेशन पर ​छंटाई का काम दिया था। झोटवाड़ा, मुरलीपुरा, मानसरोवर व विद्याधर नगर जोन में काम के बदले फर्म को 4.07 लाख रु. प्रतिमाह निगम को देने थे। मालवीय नगर, सांगानेर व जगतपुरा में निगम को हर माह 3 लाख रु. मिलने थे। इसके बावजूद गैराज शाखा ने एक्शन लिया। न गैराज चेयरमैन और ना तीनों सफाई चेयरमैनों ने आवाज उठाई। अफसर भी मौन हैं। नोटिस देकर की इतिश्री, कोई एक्शन नहीं टेंडर कर दिए हैं, पुरानी फर्म ब्लैक लिस्टेड है "कचरा बीनने का काम और कचरा उठाने का काम एक ही फर्म को दिया जा रहा है। इसके टेंडर कर दिए गए हैं। पुराना टेंडर मेरी मौजूदगी में नहीं हुआ। प्रकरण की जानकारी मिलते ही फर्म को ब्लैक लिस्टेड कर दिया है, ताकि आगे ऐसी गड़बड़ी न हो पाए।" -करणी सिंह, उपायुक्त, गैराज शाखा