एक साल बाद भी डीओआईटी तैयार नहीं कर पाया वाहन ड्राइविंग ट्रैक सॉफ्टवेयर

डीओआईटी एक साल बाद भी ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक के लिए सॉफ्टवेयर तैयार नहीं कर पाया है। इससे प्रदेश के ड्राइविंग ट्रैक पर वाहनों की ट्रायल विभाग को ऑटोमेटिक की जगह मैन्युअल करनी पड़ रही है। बता दें कि इससे पहले लाइसेंस बना रही कंपनी का टेंडर एक साल पहले खत्म हो गया था। इसके बाद विभाग को डीओआईटी से सॉफ्टवेयर तैयार करवाना था। इसके लिए विभाग ने सॉफ्टवेयर के लिए डीओआईटी को पत्र भी लिखा, लेकिन अब तक सॉफ्टवेयर तैयार नहीं हुआ। इस वजह से प्रदेश के करीब 10 से अधिक आरटीओ-डीटीओ ऑफिस में मैन्युअल ट्रायल से लाइसेंस बन रहे हैं। उधर, विद्याधर नगर डीटीओ ऑफिस में तो ट्रैक का सिविल वर्क तक नहीं हुआ है। लाइसेंस की ट्रायल ऑफिस में हो रही है। जगह कम होने से पूरा ट्रक तक नहीं बना हुआ है, जिसमें आरटीओ इंस्पेक्टरों की मिलीभगत और मनमर्जी चल रही है। दरअसल, ट्रैक के सॉफ्टवेयर और कैमरे ठीक कराने में परिवहन विभाग की आईटी शाखा को जिम्मेदारी दी थी। लेकिन ट्रैक ठीक नहीं होने से आरटीओ अधिकारियों ने लाइसेंस के लिए ट्रायल को मैनुअल कर दिया और दूसरी तरफ ट्रैक को ठीक नहीं करवा रहे हैं।