उदयपुर में डॉक्टर की मौत पर FIR,मकराना में अंतिम विदाई:चाचा बोले- परिवार का पहला डॉक्टर था रवि, पीजी में गोल्ड मेडलिस्ट था

उदयपुर में मेडिकल ऑफिसर डॉ. रवि शर्मा की करंट लगने से मौत के मामले में परिवार ने कॉलेज, हॉस्पिटल और हॉस्टल के लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। डॉ. रवि शर्मा की मौत के मामले में उनके चाचा देवीकिशन शर्मा ने हाथीपोल थाने में शिकायत दी। पुलिस ने बीएनएस की धारा 106(1) के तहत लापरवाही से मौत का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आरएनटी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर की मौत के मामले में रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल पांचवें दिन भी जारी है। सोमवार को रेजिडेंट्स ने कॉलेज परिसर में प्रशासन के खिलाफ रैली निकाली और पुतला दहन किया। रैली में 'कॉलेज प्रशासन मुर्दाबाद' के नारे लगाए गए। हड़ताल का असर अस्पतालों की सेवाओं पर गंभीर रूप से पड़ रहा है। एमबी हॉस्पिटल, जनाना, सुपर स्पेशियलिटी विंग के साथ-साथ चांदपोल और सेटेलाइट हॉस्पिटल में मरीजों का इलाज प्रभावित हो रहा है। डॉ. रवि शर्मा की मौत के चौथे दिन रात करीब 11:15 बजे उनका पार्थिव शरीर एम्बुलेंस से मकराना भेजा गया। एमबी हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी में सैकड़ों रेजीडेंट डॉक्टर्स ने नम आंखों से अपने साथी को अंतिम विदाई दी। पुष्प वर्षा कर श्रद्धांजलि अर्पित की। जहां सोमवार उनका अंतिम संस्कार किया गया। वाटर कूलर की शिकायत के बावजूद नहीं हुई कार्रवाई
मेडिकल कॉलेज के पीजी हॉस्टल में करंट से हुई डॉ. रवि शर्मा की मौत मामले में दर्ज FIR में गंभीर खुलासा हुआ है। रेजीडेंट्स ने पहले भी कई बार वाटर कूलर में करंट की शिकायत की थी। व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से हॉस्टल प्रशासन, अस्पताल और कॉलेज प्रशासन को इस समस्या से अवगत कराया था। रेजीडेंट्स ने दुर्घटना की आशंका भी जताई थी, लेकिन प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया। न तो वाटर कूलर की मरम्मत कराई गई और न ही वहां कोई चेतावनी बोर्ड लगाया गया। प्रशासन की इसी लापरवाही के कारण डॉ. रवि शर्मा की करंट लगने से मौत हो गई। FIR में ऐसे लापरवाह अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है। परिवार का पहला डॉक्टर था रवि, पीजी में गोल्ड मैडलिस्ट
चाचा जगदीश शर्मा के अनुसार डॉ. रवि शर्मा बचपन से ही मेधावी छात्र था। कोटा में दो साल की तैयारी के बाद दूसरे प्रयास में जोधपुर मेडिकल कॉलेज में प्रवेश मिला। अजमेर के जेएलएन मेडिकल कॉलेज से एनेस्थिसीया में पीजी में गोल्ड मैडल हासिल किया। परिवार के पहले डॉक्टर रवि की प्रेरणा से उनके कजिन डॉ. प्रशांत, डॉ. उज्जवल और डॉ. यश शर्मा भी डॉक्टर बने। मकराना में साड़ी की दुकान चलाने वाले पिता दिलीप शर्मा का वह इकलौता बेटा था। उनकी एक छोटी बहन कोमल शर्मा है। डॉ. रवि की एक डेढ़ साल और दूसरी 3 साल की बेटी है।