अजमेर में स्ट्रीट वेंडर्स पहुंचे कोर्ट:बोले- रोजगार पर संकट आ चुका, कर्ज के कारण सुसाइड करने पर मजबूर

अजमेर में स्ट्रीट वेंडर्स पहुंचे कोर्ट:बोले- रोजगार पर संकट आ चुका, कर्ज के कारण सुसाइड करने पर मजबूर
अजमेर की आनासागर न्यू चौपाटी से मित्तल हॉस्पिटल के नजदीक शिफ्ट करने पर स्ट्रीट वेंडर्स ने सोमवार को कोर्ट की शरण ली है। स्ट्रीट वेंडर्स ने निगम प्रशासन पर कानून के अवहेलना करने का आरोप लगाया है। वहीं, उन्होंने कहा कि निगम प्रशासन ने स्थायी शुल्क आना सागर चौपाटी का ले रहा और जगह मित्तल हॉस्पिटल के पास दी गई है। इससे उनके रोजगार पर संकट आ चुका है। कर्ज के कारण उन्हें सुसाइड करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। निगम प्रशासन और जिला कलेक्टर को ज्ञापन देने के बाद भी सुनवाई नहीं होने पर न्यायालय की शरण लेनी पड़ी है। दावे में जिला कलेक्टर और नगर निगम प्रशासन को पार्टी बनाया गया है। एडवोकेट विवेक पाराशर ने बताया कि करीब 30 से ज्यादा स्ट्रीट वेंडर्स आना सागर न्यू चौपाटी पर अपना काम करके अपनी रोजी-रोटी और परिवार की आजीविका चलाते थे। उनकी ओर से कोर्ट में दावा पेश किया गया है। दावे में नगर निगम और जिला कलेक्टर को पार्टी बनाया गया है। जिसमें बताया गया कि सरकार की ओर से स्ट्रीट वेंडर्स के लिए कानून बनाया गया है। लेकिन उन कानून की पालना नहीं की जा रही है। 20 जून तक सभी ने शुल्क जमा कर दिया था। फूड लाइसेंस भी सभी ले चुके हैं। लेकिन, इसके बावजूद भी उन्हें वहां से हटाकर मित्तल हॉस्पिटल पर शिफ्ट कर दिया है। नगर निगम प्रशासन ने कानून को मजाक बना कर रख दिया है। आनासागर पर ही रोजगार करने देने की मांग परिहार ने कहा कि स्ट्रीट वेंडर्स की ओर से इसे लेकर नगर निगम और जिला कलेक्टर को भी ज्ञापन दिया गया था। लेकिन, उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद सभी स्ट्रीट वेंडर्स को न्यायालय का शरण लेना पड़ा है। उनकी मांग यही है कि जब इनसे शुल्क आना सागर चौपाटी का लिया जा रहा और जून महीने का शुल्क जमा होने के बावजूद उन्हें वहीं पर ही रोजगार करने दिया जाए। आनासागर चौपाटी पर 120 फीट से ज्यादा चौड़ा रोड भी है। खड़े रहने और यातायात की पूरी व्यवस्था है। इसलिए सभी को वहीं पर रोजगार के लिए जगह देने के लिए न्यायालय का शरण लिया है। हटाने के लिए धमकी तक दी गई एडवोकेट संजय रोयला ने कहा कि रीजनल चौपाटी के पास न्यू आनासागर चौपाटी पर स्ट्रीट वेंडर्स को जगह दी गई थी। निर्धारित शुल्क निगम की ओर से लिया जा रहा है। फूड लाइसेंस तक जारी किया गया था। लेकिन कुछ समय से निगम के कर्मचारी स्ट्रीट वेंडर्स को हटाने की धमकी दी गई। गाड़ियों को नुकसान पहुंचा दिया गया। जिससे परेशान होकर सभी स्ट्रीट वेंडर्स ने न्यायालय की शरण ली है। कर्ज लेकर काम शुरू किया, सभी सुसाइड करने पर मजबूर स्ट्रीट वेंडर उषा ने बताया कि स्ट्रीट वेंडर्स हमेशा नगर निगम की मनमानी सहन कर रहा है। आनासागर न्यू चौपाटी पर लगाने वाले सभी स्ट्रीट वेंडर से नगर निगम ने स्थाई शुल्क की मनमर्जी रसीद काटी गई है। 18 जून को ही रसीद काटी गई थी। पिछले 6 महीने का किराया वसूल रहे हैं। निगम के अधिकारी आते हैं और मौके पर पहुंचकर बिना बात किए ही सामान जब्त कर ले जाते हैं। 6 लाइन से हटाकर 4 लाइन पर शिफ्ट कर दिया है। जहां एक्सीडेंट का ज्यादा खतरा है। अगर कभी भी कोई बड़ा हादसा हुआ तो इसका भी ठीकरा स्ट्रीट वेंडर पर ही आएगा। पिछले 8 साल से रोजगार कर रहे हैं। लेकिन निगम प्रशासन ने अब रोजगार पर संकट खड़ा कर दिया है। कर्ज लेकर अपना काम शुरू किया था। अगर नगर निगम प्रशासन अपनी मनमानी चलता रहेगा तो सभी को सुसाइड करने पर मजबूर होना पड़ेगा। हमें वापस वहीं पर अपना रोजगार करने दिया जाए इसे लेकर आज न्यायालय की शरण ली है। न्यायालय से निगम के आदेशों पर स्थित देने की मांग की है।